Rajasthan Election News 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत आरक्षण की मांग लगातार बढ़ रही है. जोधपुर में हाई-फाई हीरो मेजर दलपत सिंह शेखावत के 105 वे शहादत दिवस को रावणा राजपूत समाज की ओर से बलिदान दिवस के रूप में मनाया. इसको लेकर शनिवार को जोधपुर के रावण का चबूतरा मैदान में रावणा राजपूत समाज ने शौर्य महासम्मेलन का आयोजन रखा.
इस महासम्मेलन के दौरान समाज ने अपनी ताकत भी दिखाई. इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रदेश के कई जिलों से लोग पहुंचे. इस कार्यक्रम में आनंदपाल सिंह के भाई मंजीत पाल सिंह ,बेटी योगिता सिंह पत्नी भी पहुंची है.
मूल ओबीसी को हमें हमारा अधिकार नहीं देगी तो...
आनंदपाल सिंह के भाई मंजीत पाल सिंह से एबीपी लाइव की खास बातचीत मैं कहा कि आज जोधपुर में हाई-फाई हीरो दलपत सिंह की 105 वीं शहादत दिवस के दौरान रावणा राजपूत समाज का एक महासम्मेलन रखा गया था. रावणा राजपूत समाज सहित मूल ओबीसी की जो जनगणना 1999 में हुई थी. हम यह नहीं कहते कि बीजेपी बुरी है या कांग्रेस बुरी है, लेकिन 1999 में जिस तरह से जिस पार्टी ने ओबीसी के पेट को काटा है. उसको वर्गीकृत कर सुधार करें. अगर दोनों ही पार्टियों मूल ओबीसी को हमें हमारा अधिकार नहीं देगी तो जिस तरह से लोग हमसे जुड़ रहे हैं.
200 विधानसभा सीटों पर ओबीसी के प्रत्याशी खड़े करेंगे
आने वाले समय में मूल ओबीसी के लोग दोनों ही पार्टियों को छोड़कर 200 विधानसभा सीटों पर मूल ओबीसी के प्रत्याशी खड़े करेंगे. चाहे वह किसी भी जाति का हो मूल ओबीसी हो वैसे मूल ओबीसी गरीबी है. दोनों ही पार्टियों नहीं मानी तो मूल ओबीसी के कैंडिडेट 200 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ेंगे और आप सोच सकते हैं कि जहां 54% प्रतिशत प्रदेश की जनसंख्या मूल ओबीसी की है तो वहां के परिणाम भी वैसे ही होंगे और मुख्यमंत्री भी तय कर लेंगे.
मूल ओबीसी वोटर प्रदेश में 54% प्रतिशत है
मूल ओबीसी को उन्हें उनका अधिकार मिलना चाहिए. उन्हके अधिकारों की लड़ाई हम लड़ रहे है. मूल ओबीसी के अधिकारों की जो पार्टी बात करेगी. उसके साथ मूल ओबीसी मतदाता जाएंगे. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने मूल ओबीसी को दरकिनार किया है. मूल ओबीसी का पूरा हक अन्य जातियां खा रही है. मूल ओबीसी के लोग राजनीति पुलिस व प्रशासन में ना के बराबर है. जबकि मूल ओबीसी वोटर प्रदेश में 54% प्रतिशत है. जो भी पार्टी मूल ओबीसी को उनका अधिकार दिलाएगी और उसे मूल ओबीसी में से रावणा राजपूत को अलग से आरक्षण देगी. हम उनके साथ जाएंगे.
'जातीय समीकरण के अनुसार अधिकार मिलना चाहिए'
मंजीत पाल सिंह ने कहा कि 1999 में देश में बीजेपी की वाजपेयी सरकार थी. सीकर सीट के लिए जो मूल ओबीसी का पेट काटा सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए बीजेपी ने 1999 में जो गलती की, उसके बावजूद भी मूल ओबीसी उनसे जुड़ी हुई है. मूल ओबीसी की कई जातियों को बीजेपी अपना कौर वोटर मानती है. उन जातियों के दिमाग में बीजेपी की छवि रहती है. तो ऐसे समय में बीजेपी को भी उनके बारे में सोचना चाहिए. 1999 के बाद में कई अन्य जातियां भी मूल ओबीसी में जोड़ी गई. उनसे हमारा कोई मतलब नहीं है. लेकिन मूल ओबीसी को उनका उनका अधिकार जातीय समीकरण के अनुसार मिलना चाहिए.
'पूरा का पूरा कोटा जाट समाज हथिया लेता है'
मंजीत पाल सिंह ने कहा कि उदाहरण के तौर पर देख लीजिए अभी पुलिस के SI की भर्ती सहित अन्य भर्तियां हुई थी. इसमें जाट व बिश्नोई की कितनी सीटें मिली है. जोबनेर की भर्ती देख लीजिए मूल ओबीसी का पूरा का पूरा कोटा जाट समाज हथिया लेता है. मंजीत पाल सिंह ने कहा कि कुछ लोग मेरे भाई को गैंगस्टर कहते है. मेरे भाई आनंदपाल सिंह की हत्या को एनकाउंटर बताया गया. वह ऐसे होते तो आज इतने लोग हमारे साथ नहीं जुड़ते आनंदपाल सिंह ने हमें जो सिखाया है हम उन्हीं की राह पर चल रहे हैं.
'जोधपुर में आनंदपाल सिंह की मूर्ति लगाई जाएगी'
आनंदपाल सिंह ने 1999 में रक्तदान शुरू किया था, उस दौरान लोग रक्तदान नहीं करते थे, तो लोगों को पकड़ पकड़ कर लाना पड़ता था, कई बार रक्तदान के बाद मन भी नाराज होती थी, हमें हमारे हक की लड़ाई लड़नी है और हक लेकर ही रहेंगे. जोधपुर में आनंदपाल सिंह की मूर्ति लगाई जाएगी. जोधपुर के एक भाई ने अपनी जमीन दी है. जल्द ही मूर्ति का अनावरण किया जाएगा. शौर्य महासम्मेलन के इस कार्यक्रम में आनंदपाल की पत्नी बेटी व भाई शामिल हुए.
बेटा ने सुनायी शेर
इस कार्यक्रम में आनंदपाल की बेटी योग्यता सिंह ने एक शेर सुनाते हुए कही कि दरिया तेरी अब खैर नहीं बूंदो ने बगावत कर ली है. नादान नासमझ बुजदिल इनको लहरों ने बगावत कर ली है. हम परवाने हैं मौत समां मारने का ख्वाब यहां रे तलवार तुझे झुकना होगा. गर्दन ने बगावत कर ली है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिया था आश्वासन
उन्होंने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लेकर कहा कि सावंराद प्रकरण के दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत ने आश्वासन दिया था कि राज्य में उनकी पार्टी बीजेपी की सरकार है. उनके खिलाफ सभी मुकदमे वापस ले लेगी. लेकिन उसका नतीजा यह निकला पुलिस ने उसका चालान कर गिरफ्तारी वारंट निकल दिया. उन्होंने सरकार से सावंराद प्रकरण में दर्ज मामले वापस लेने की मांग की. केंद्र से सीबीआई जांच भी वापस करने की बात कही है.
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