Rajasthan Elections 2023: राजस्थान के पाली जिले में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं. यह क्षेत्र बीजेपी का यह गढ़ माना जाता है.पाली जिले की कई विधानसभा सीटें परंपरागत रूप से बीजेपी के खाते में ही आती रही हैं.पाली को टेक्सटाइल उद्योग का क्षेत्र माना जाता है. पाली विधानसभा सीट पर लगातार पिछले 5 विधानसभा चुनाव बीजेपी के ज्ञानचंद पारख जीत रहे हैं. कांग्रेस पिछले 38 सालों से पाली की विधानसभा सीट जीतकर खाता खोलने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली है.
पाली विधानसभा सीट के मतदाता
पाली विधानसभा सीट मतदाताओं के जातिगत आंकड़े:एससी-एसटी मतदाता 40 हजार, मुस्लिम मतदाता 25 हजार,जैन मतदाता 18 हजार, देवासी मतदाता 13 हजार,पटेल मतदाता 18 हजार, रावणा राजपूत 10 हजार, बंजारा समाज आठ हजार, 80 हजार सीरवी, राजपुरोहित, माली, जाट, विश्नोई, गोस्वामी, दर्जी अन्य मतदाता हैं.
पाली जिले की पाली विधानसभा सीट से 33 साल पहले 1980 में कांग्रेस पार्टी के अंतिम विधायक माणक मेहता चुने गए थे. विधानसभा चुनाव 1985 और 1990 में बीजेपी से पुष्पा जैन विधायक निर्वाचित हुई. 1993 में भीमराज भाटी निर्दलीय उम्मीदवार निर्वाचित हुए. 1998 से लगाकर लगातार पांचवीं बार बीजेपी के विधायक ज्ञानचंद पारक पाली विधानसभा से जीत हासिल कर रहे हैं.वही कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी है.
कब कौन जीता
- 1957 मूलचंद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1962 केसरी सिंह निर्दलीय
- 1967 एम. चंद
- 1972 शंकर लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1977 मूलचंद डागा
- 1980 माणक लाल मेहता
- 1985 पुष्पा जैन भारतीय जनता पार्टी
- 1990 पुष्प जैन भारतीय जनता पार्टी
- 1993 भीम राज भाटी निर्दलीय
- 1998 ज्ञानचंद पारख भारतीय जनता पार्टी
- 2003 ज्ञानचंद पारख भारतीय जनता पार्टी
- 2008 ज्ञानचंद पारख भारतीय जनता पार्टी
- 2013 ज्ञानचंद पारख भारतीय जनता पार्टी
- 2018 ज्ञानचंद पारख भारतीय जनता पार्टी
पाली जिले में उद्योग-व्यापार
- टेक्सटाइल उद्योग 700 से अधिक बड़ी इंडस्ट्रीज
- चूड़ी उद्योग से 5000 से अधिक महिलाओ का रोजगार
- मिठाई में गुलाब हलवा व पाली के रसोईदार स्वाद को लेकर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है
पाली विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मुद्दे
- पाली इंडस्ट्रीज एरिया में सबसे अधिक टेक्सटाइल फैक्ट्री होने के कारण पोलूशन यहां का सबसे बड़ा मुद्दा है. इसको लेकर सरकारें काम कर रही हैं. एक ट्रीटमेंट प्लांट शुरू किया गया है.
- पाली में पेयजल की सबसे बड़ी समस्या है.जवाई डैम में पानी की कमी के कारण गर्मियों के दिनों में पेयजल संकट गहराने लगता है. उस संकट से उबरने के लिए जोधपुर से वाटर ट्रेन चलाई जाती है.
क्या कहना है विधायक का
विधायक ज्ञानचंद पारख बताते हैं कि क्षेत्र में सभी तरह का विकास कार्य किए जा रहे हैं. सांची विधानसभा क्षेत्र के लोगों का मुझ पर विश्वास है. मैं उनके विश्वास पर खरा उतरा हूं. जब भी मुझे पार्टी मौका देती है मेरा जीवन जनता की सेवा करने के लिए है.
कांग्रेस की हार का कारण
वहीं 2018 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के प्रत्याशी महावीर सिंह सुकरलाई ने बताया कि हमारी हार के पीछे कांग्रेस पार्टी में चल रहे भीतरघात है.हमे नॉमिनेशन के दिन टिकट दिया गया जिस कारण हमें समय नहीं मिला इस कारण हमारी हार हुई थी.लेकिन पिछले 40 साल में जो विकास नहीं हुआ है.वो हमारी सरकार ने चार सालों में किया है.
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