Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव बेहद करीब हैं और सभी पार्टियां फिर से जनता को लुभाने में लग गई हैं. हालांकि, कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही अपने वादे पूरे नहीं किए हैं, जबकि कांग्रेस तो जले पर नमक छिड़क रही है. ओबीसी और सामान्य कोटे के लोगों की जमकर उपेक्षा की जा रही है. कई बार ज्ञापन दे दिए, कई याचिकाएं कोर्ट में चल रही हैं. उसके बाद भी सरकार अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रही है. ये हमला बोला है समता आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पाराशर नारायण ने.


पाराशर नारायण का कहना है कि गहलोत सरकार को लास्ट ज्ञापन देने जा रहे हैं. अगर अब भी नहीं सुनते हैं तो कांग्रेस सरकार को तो हराएंगे ही, साथ ही अशोक गहलोत जहां से भी खड़े होंगे उन्हें हराने की पूरी कोशिश की जाएगी. पाराशर नारायण ने कहा कि अशोक गहलोत चार साल से जातिगत निर्ण कर रहे हैं, जिसका नुकसान अन्य जातियों को हो रहा है.


'39 हजार करोड़ का नुकसान होगा'
समता आंदोलन का कोटा में 16वां स्थापना दिवस मनाया गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष पाराशर नारायण ने कहा कि हम हमारी मांगों को लेकर कई बार सीएम को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है. यहां तक कि सवर्ण और ओबीसी के खिलाफ कई आदेश भी सरकारी नौकरी करने वाले कार्मिकों और अन्य के लिए निकाले गए हैं.  उन्होंने कहा कि बैकलॉग भर्ती की गई है, जिसमें इन्हें हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किए हुए हैं. इससे आने वाले सालों में 39 हजार करोड़ का नुकसान होगा. 


एडीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तारी अनिवार्यता का आदेश जारी कर हैं. यह पूरी तरह से गैरकानूनी है. सरकार नियमों से परे निर्णय कर रही है.


'पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करना इनके मैनेफेस्टो में था'
पाराशर ने सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में साफ कहा था कि वह पदोन्नती में आरक्षण का समर्थन नहीं करेंगे. लेकिन अब गहलोत भी उनका समर्थन कर रहे हैं, जबकि हाई कोर्ट में इसके खिलाफ हमने पेटिशन दायर की है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी पदोन्नति में आरक्षण जारी है, जो जले पर नमक छिड़कने जैसा है.


'बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही एक जैसे'
पाराशर नारायण शर्मा ने कहा कि हम कांग्रेस के खिलाफ खड़े हुए तो उनकी 20 सीटें आईं, लेकिन क्या हुआ, वसुंधरा राजे ने पांच साल तक हमसे मुलाकात नहीं की. दोनों पार्टियां एक जैसी हैं. इस चुनाव में इन्हें सबक सिखाएंगे. हमारा नेटवर्क बड़ा है, हम एक-एक वोटर को जाकर समझाएंगे कि किस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जातिवादी हैं. ऐसे नेताओं को चुनकर भेजने से भारत विखंडन की तरफ जा रहा है. उन्होंने कहा आरक्षण के कारण योग्य व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ पाता है. प्रतिभाओं को भारी नुकसान हो रहा है, उनका हनन हो रहा है. 


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