Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच जातिगत समीकरण से लेकर हर किसी को साधने का क्रम शुरू हो गया है. अभी से ही विधानसभाओं की समीक्षा पर्टियों ने शुरू कर दी है. कोटा संभाग इस बार भी विधानसभा चुनाव में दोनो पार्टियोंच,बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा. कई सीटें यहां बीजेपी के पास स्थायी रूप से हैं तो कई सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. ऐसे में इस बार क्या राजनीतिक समीकरण रहने वाले हैं, इस पर से धीरे-धीरे पर्दा उठेगा. कोटा की कुछ विधानसभा सीटों की अपनी अलग पहचान हैं. ऐसे ही एक सीट है कोटा संभाग के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट. यह सीट कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के पास जाती रहती है. पिछले कई चुनावों से यहां से जीते विधायक मंत्री बन रहे हैं. इससे क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है. इस समय यहां से कांग्रेस के विधायक प्रमोद जैन भाया हैं. वो अशोक गहलोत की सरकार में खनन और गोपालन मंत्री हैं. उनका यहां अच्छा होल्ड है.
अभी किसके पास है अंचा विधानसभा सीट
बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर इस समय कांग्रेस का कब्जा है. प्रमोद जैन भाया यहां के विधायक हैं. पिछले चुनाव में उन्होंने पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को हराया था. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रमोद जैन भाया को 97160 वोट मिले थे. उन्हें 58 फीसदी मतदाताओं ने पसंद किया था. वहीं प्रभुलाल सैनी को 63097 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था.उन्हें कुल डाले गए वोट का 38 फीसदी वोट मिला था. सैनी 34063 वोटों से चुनाव हार गए थे. इस सीट पर आम आदमी पार्टी को 1739 और बसपा को 1335 वोट मिले थे.
2013 के चुनाव में कौन जीता था
विधानसभा चुनाव 2013 में चुनाव के नतीजे बिल्कुल विपरीत रहे थे.यहां से मंत्री प्रमोद जैन भाया को हार का सामना करना पड़ा. प्रभुलाल सैनी माली समाज से आते हैं. इस क्षेत्र में माली समाज के अधिक वोट होने का फायदा उन्हें मिला. इसके साथ ही मोदी लहर के कारण इस सीट पर बीजेपी का कब्जा हुआ.प्रभुलाल सैनी को 69960 वोट के साथ 50 प्रतिशत वोट मिले थे. कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया को 66561 वोट के साथ 47 प्रतिशत वोट मिला.प्रभुलाल सैनी ने प्रमोद जैन भाया को 3399वोट से शिकस्त दी थी.
किसके पक्ष में गया था 2008 के चुनाव का परिणाण
वहीं अगर 2008 के चुनाव की बात करें तो यहां प्रमोद कुमार ने बीजेपी के बडे नेता रघुवीर सिंह कौशल को हराया था.प्रमोद कुमार को 56519 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के कौशल केवल 26851 वोट ही हासिल कर सके थे. वह 29669 वोटो के विशाल अंतर से चुनाव हार गए थे.
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