Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में इस साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है. नदबई विधानसभा में मूर्ति स्थापना को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है. राजस्थान के भरतपुर जिले में सात विधानसभा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी के टिकट पर जोगिन्दर सिंह अवाना जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. बाद में विधायक अवाना सहित बहुजन समाजवादी पार्टी के सभी विधायकों ने कांग्रेस पार्टी में विलय कर लिया.
अब राजस्थान में वर्ष 2023 में विधानसभा का चुनाव होने वाला है. ऐसे में सभी पार्टियों के लोग मतदाता को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सभी विधायकों को छूट दे रखी है. विधायक की मनमानी से क्षेत्र के लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है और लोग विरोध में धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
मूर्ति लगाने को लेकर धरना शुरू
भरतपुर की नदबई विधानसभा क्षेत्र में भी चुनावी राजनीति शुरू हो गई है. नदबई कस्बे में मूर्ति स्थापना को लेकर राजनीति हो रही है. नदबई विधानसभा में तीन चौराहे ऐसे हैं, जहां नगर पालिका ने भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल, भीमराव अंबेडकर और भगवान परशुराम की तीन मूर्तिएं स्थापित करने का निर्णय लिया है. नदबई कस्बे में नगर पालिका द्वारा बैलारा चौराहे पर डॉ.
भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को लगाया जा रहा है. वहीं जाट समाज द्वारा बैलारा चौराहे महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने की पहले से ही मांग की जा रही थी. अब जाट समाज के लोगों ने बैलारा चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति को लगाने की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया है.
नदबई पंचायत समिति के उप प्रधान भूपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने बैलारा चौराहे पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है. प्रदर्शन कर रहे लोग जिला प्रशासन के खिलाफ नेशनल हाइवे से नदबई जाने वाले बैलारा चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने की मांग पर अड़े हुए हैं. नदबई के उपखण्ड अधिकारी जोगेन्द्र सिंह का कहना है कि नदबई कस्बे के तीन चौराहों पर महापुरुषों की मूर्ति लगाई जाएगी. डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति 14 अप्रैल को बैलारा चौराहे पर स्थापित की जाएगी. संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने लिखित में मूर्ति स्थापित करने के आदेश दिए हैं. जाट समाज के जो लोग विरोध में धरना दे रहे हैं उनसे समझाइश की जा रही है.
क्या कहना है भूपेंद्र उप प्रधान का
नदबई पंचायत समिति के उप प्रधान भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल हैं. भरतपुर राजपरिवार ने कभी भी जातिवाद पर राजनीति नहीं की है. भरतपुर के राजा 36 कौमों को साथ लेकर चलते थे, इसलिए महाराजा सूरजमल 36 कौमों के राजा थे उनकी मूर्ति लगाने की पहले से ही मांग की जा रही थी इसलिए आज भी हमारी मांग है कि बैलारा के मुख्य चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाए. उप प्रधान भूपेन्द्र सिंह ने विधायक अवाना पर जातिवाद की राजनीति करने का आरोप भी लगाया.
भरतपुर संभाग के संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा का कहना है कि नदबई कस्बे में मूर्ति लगाने के प्रस्ताव को समिति ने पारित किया है. उन्होंने कहा कि इस जगह पर किस महापुरुष की मूर्ति कहां लगेगी, यह निर्णय समिति का है, मैंने किसी को स्थान तय करने या मूर्ति लगाने के लिए लिखित में आदेश नहीं दिया है.
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