Rajasthan Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अगले महीने से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करना शुरू कर देगी. पार्टी विभिन्न जांच एजेंसियों के जरिए कराए गए सर्वे और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार प्रत्याशियों के चयन को अंतिम रूप देगी. इन सर्वे में विधायकों के लिए बुरी खबर है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि जनता में विधायकों के खिलाफ नाराजगी है जिसने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि कांग्रेस के लिए राहत की एक बात यह है कि अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ जनता में नाराजगी बहुत कम है.


विधायकों से खुश नहीं है जनता


कांग्रेस के एक सूत्र के मुताबिक राजस्थान में विधायकों के खिलाफ नाराजगी सबसे ज्यादा है. पिछले छह माह में हुए सर्वे में यह बात सामने आई है. राजस्थान में हर चुनाव के बाद सरकार बदल जाने की परंपरा है, लेकिन कांग्रेस इस रिवाज को बदलना चाहती है. इसलिए वह उन विधायकों के टिकट काट सकती है, जिनसे जनता नाराज है. इनमें कुछ मंत्री भी शामिल हो सकते हैं.


राजस्थान में कांग्रेस पर बीजेपी के गुजरात मॉडल को अपनाने का दबाव है. कांग्रेस ने विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा सीटों पर भी पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. गुजरात कांग्रेस के विधायकों और नेताओं को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. एक पर्यवेक्षक के मुताबिक, कई विधायकों के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी है. अगर उनको चुनाव में दोबारा मौका दिया गया तो उनकी हार तय है.


क्या राजस्थान में बदलेगा रिवाज


कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को मौका देने और उदयपुर घोषणा को लागू करने का यह बेहतरीन समय है. पार्टी मौजूदा विधायकों का टिकट काटने में सफल रहती है, तो रिवाज बदलने की संभावना बढ जाएगी. एक बात यह भी सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ लोगों में बहुत गुस्सा नहीं है. ऐसे में कांग्रेस को उन विधायकों का टिकट काटना होगा, जिनसे जनता खुश नहीं है. लेकिन उनका टिकट काटने से पहले उन्हें भरोसे में लेकर उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन भी देना होगा, क्योंकि अगर ये विधायक निर्दलीय चुनाव लड़ गए तो भी कांग्रेस के लिए मुसीबत बस सकते हैं. 


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