Rajasthan Elections: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के कुछ ही माह रह गए हैं. ऐसे में बीजेपी ने अपने केंद्र नेतृत्व के जरिए दो माह पहले ही चुनावी शंखनाद कर दिया है. अब कांग्रेस का चुनावी शंखनाद भी होने वाला है, क्योंकि 9 अगस्त को देश के चार राज्यों के आदिवासियों के सबसे बड़े आस्था के धाम मनगढ़ में कांग्रेस द्वारा बड़ी रैली का आयोजन किया जा रहा है. यहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरके आएंगे. साथ ने कांग्रेस के कई बड़े नेता भी शामिल होंगे. 


आखिर आदिवासी क्षेत्र और आदिवासी दिवस का ही चयन क्यों


अब सवाल ये उठता है कि आखिर कांग्रेस ने अपने राजस्थान का चुनावी शंखनाद करने के लिए आदिवासी क्षेत्र के मानगढ़ धाम का ही चयन क्यों किया. इसके पीछे कारण है कि राहुल गांधी यहां से राजस्थान और मध्य प्रदेश की आरक्षित सीटों को साधेंगे. राजस्थान के सबसे बड़े आदिवासी क्षेत्र उदयपुर संभाग की 17 आरक्षित सीट और इसी एरिया के बॉर्डर के जुड़ी मध्य प्रदेश की 12 आरक्षित सीट पर नजर है. रही बात आदिवासी दिवस 9 अगस्त के दिन ही यह रैली करने के पीछे कारण है कि यहां धूमधाम से आदिवासी दिवस मनाया जाता है और कांग्रेस आदिवासी समाज को रिझाने के लिए उन्हीं के साथ यह उत्सव मना रहे हैं.


पीएम मोदी की रैलियों से ज्यादा भीड़ जुटने का लक्ष्य


9 अगस्त के दिन बांसवाड़ा में राहुल गांधी की बड़ी सभा होगी. इसकी तैयारी के लिए राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उदयपुर दौरे पर आए. उन्होंने उदयपुर में उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद के पदाधिकारी की बैठक ली और इसके बाद बांसवाड़ा पहुंचे जहां बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले के पदाधिकारी की बैठक ली.


सभी के लिए संदेश एक ही था कि सभा में ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचे. इसके लिए कांग्रेस के पदाधिकारी को जिम्मेदारियां भी सौंपी गई. यह भी कहा गया कि इस रैली में इतनी बड़ी संख्या में भीड़ जुटेगी जितनी राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियां में अब तक नहीं जुटी.
यह है सीटों का गणित


उदयपुर संभाग में विधानसभा सीटों की बात करें तो बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ पूर्णतया टीएसपी क्षेत्र है. यह सभा बांसवाड़ा में होने जा रही है, जहां 5 विधानसभा, इसके करीब डूंगरपुर में 4 विधानसभा और साथ ही प्रतापगढ़ में 2 विधानसभा आरक्षित है. वहीं उदयपुर की बात करें तो यहां की 8 विधानसभाओं में से पांच विधानसभा आरक्षित है. इसके अलावा चित्तौड़गढ़ की एक सीट आरक्षित है. वहीं उदयपुर बॉर्डर से जुड़ी मध्यप्रदेश की 12 आरक्षित विधानसभा है.


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