Rajasthan Election News: राजस्थान के धौलपुर जिले की राजाखेड़ा विधानसभा सीट पर अधिकतर कांग्रेस प्रत्याशी जीतकर विधायक बने हैं. वर्ष 1957 के विधानसभा के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई थी. उसके बाद लगातार कांग्रेस के प्रत्याशी की लगातार 4 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी. वर्ष 1957 के चुनाव में राजाखेड़ा विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी महेंद्र सिंह जीत कर विधानसभा पहुंचे थे.


महेंद्र सिंह ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी मंगल सिंह को हराया था. महेंद्र सिंह को कुल 8 हजार 24 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के प्रत्याशी मंगल सिंह को कुल 7 हजार 423 वोट मिले थे. 


वर्ष 1962 में प्रताप सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे


वर्ष 1962 के विधानसभा चुनाव में राजाखेड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने प्रताप सिंह को टिकट देकर मैदान में उतारा था. प्रताप सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे और प्रताप सिंह ने सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी महाराज सिंह को हराया था. प्रताप सिंह को कुल 17 हजार 941 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे महाराज सिंह को कुल 10 हजार 797 वोट मिले थे. कांग्रेस पार्टी ने लगातार चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई थी. 


वर्ष 1965 में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने दामोदर व्यास को अपना प्रत्याशी बनाया और दामोदर व्यास चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. दामोदर व्यास ने निर्दलीय प्रत्याशी एम सिंह को हराया. दामोदर व्यास को कुल 18 हजार 714 वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी एम सिंह को कुल 9 हजार 672 वोट मिले.


वर्ष 1967 में कांग्रेस के प्रत्याशी पी. सिंह जीते 


वर्ष 1967 के विधानसभा चुनाव में राजाखेड़ा सीट पर कांग्रेस ने पी. सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया और कांग्रेस के प्रत्याशी पी. सिंह जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे. कांग्रेस प्रत्याशी पी. सिंह ने संघटा सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी एम सिंह को हराया था. कांग्रेस के पी. सिंह को कुल 26 हजार 366 वोट में थे वहीं दूसरे नंबर पर रहे संघटा सोशलिस्ट पार्टी के एम सिंह को कुल 7 हजार 303 वोट मिले थे.


वर्ष 1972 में हुए राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने प्रद्युमन सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया और प्रद्युमन सिंह चुनाव जीते. प्रद्युमन सिंह ने भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी महेंद्र सिंह को हराया था. प्रद्युमन सिंह को कुल 31 हजार 78 वोट मिले तह ईटीओ वहीं महेंद्र सिंह को कुल 21 हजार 803 वोट मिले थे. वर्ष 1962 से लेकर 1972 तक लगातार 4 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की.


वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में प्रद्युमन सिंह ने लगाई हैट्रिक


वर्ष 1977 में प्रद्युमन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े थे और निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हांसिल की थी. प्रद्युमन सिंह ने जनता पार्टी के प्रत्याशी मोहन प्रकाश को हराकर विधानसभा पहुंचे थे. वर्ष 1977 के विधानसभा चुनाव में प्रद्युमन सिंह को कुल 23 हजार 587 वोट मिले थे तो वहीं दूसरे नंबर पर रहे मोहन प्रकाश को कुल 16 हजार 249 वोट मिले थे. वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर प्रद्युमन सिंह ने चुनाव लड़कर जीत की हैट्रिक लगाते हुए जीत दर्ज की और जनता पार्टी ( सेक्युलर ) के प्रत्याशी मोहन प्रकाश को हराया था. 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रद्युमन सिंह को कुल 27 हजार 522 वोट मिले थे तो वही दूसरे नंबर पर रहे मोहन प्रकाश को कुल 26 हजार 364 वोट मिले थे. 


वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में राजाखेड़ा विधानसभा सीट पर लोकदल ने मोहन प्रकाश को टिकट दिया था. मोहन प्रकाश ने जीत दर्ज की और राजाखेड़ा विधानसभा सीट 1985 में लोकदल के खाते में जुड़ी थी. मोहन प्रकाश ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रविन्द्र सिंह हराया था. मोहन प्रकाश को कुल 36 हजार 208 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के रविंद्र सिंह को कुल 32 हजार 827 वोट मिले थे. 


वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने फिर प्रद्युमन सिंह को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा और प्रद्युमन सिंह ने जीत हासिल की और विधानसभा पहुंचे. वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में प्रद्युमन सिंह ने जनता दल के मोहन प्रकाश को हराया था. प्रद्युमन सिंह को कुल 40 हजार 460 वोट मिले थे तो वही जनता दल प्रत्याशी मोहन प्रकाश को कुल 38 हजार 183 वोट मिले थे.


 वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की मनोरमा कांग्रेस के प्रद्युमन सिंह को हराकर विधानसभा पहुंची थी. भाजपा की मनोरमा को कुल 40 हजार 54 वोट मिले थे तो कांग्रेस के प्रत्याशी प्रद्युमन सिंह को कुल 30 हजार 470 वोट मिले थे. 


वर्ष 1998 और 2003 के चुनाव में कांग्रेस ने प्रद्युमन सिंह को ही अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था वो प्रद्युमन सिंह ने लगातार दोनों बार जीत दर्ज की और राजाखेड़ा की सीट को कांग्रेस की झोली में डाला था. वर्ष 1998 में प्रद्युमन सिंह को कुल 42 हजार 920 वोट मिले वहीं वर्ष 1998 में दूसरे नंबर पर रही भाजपा प्रत्याशी मनोरमा को कुल 25 हजार 228 वोट मिले थे. वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में प्रद्युमन सिंह ने सपा के प्रत्याशी रविंद्र सिंह को हराया था. प्रद्युमन सिंह को कुल 41 हजार 106 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे सपा प्रत्याशी रविंद्र सिंह की कुल 33 हजार 222 वोट मिले थे. 


वर्ष 2008 में जीती बीजेपी


वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रविंद्र सिंह बोहरा को मैदान में उतारा. रविंद्र सिंह बोहरा ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रद्युमन सिंह को हराया और भाजपा के रविंद्र सिंह जीत कर विधानसभा पहुंचे. रविंद्र सिंह को कुल 38 हजार 237 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस पार्टी के प्रद्युमन सिंह को कुल 35 हजार 333 वोट मिले थे . वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी प्रद्युमन सिंह को बनाया था और प्रद्युमन सिंह ने जीत दर्ज की थी. प्रद्युमन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विवेक सिंह बोहरा को हराया था वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रद्युमन सिंह को कुल 58 हजार 880 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी विवेक सिंह बोहरा को कुल 32 हजार 868 वोट मिले थे. 


वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का भरतपुर संभाग से लगभग  सफाया हो गया था संभाग की 19 विधानसभा सीट में से कुल 1 सीट धौलपुर पर भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी जीती थी वो भी अब कांग्रेस के समर्थन में है . वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने रोहित बोहरा को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा था रोहित बोहरा ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अशोक शर्मा को हराकर विधानसभा पहुंचे. रोहित बोहरा को कुल 76 हजार 278 वोट मिले थे तो वही दूसरे नंबर पर रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अशोक शर्मा को कुल 61 हजार 287 वोट मिले थे. 


पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग की 19 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही पार्टियों का फोकस है. दोनों पार्टियां वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भरतपुर संभाग को फतह करने के लिए जुटी हुई है. अब देखने वाली बात यह होगी की जनता किसका साथ देती है.