मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र में सांसद चौधरी ने बताया कि आयोग द्वारा गत 9 अक्टूबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव की मतदान की तिथि 23 नवम्बर, 2023 तय की गई है. आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि इस दिन संस्कृति एवं धार्मिक श्रद्धा से जुड़ा बहुत ही बड़ा पर्व ‘देव उठनी एकादशी’ है. यह पर्व पूरे देशभर में मनाया जाता है, लेकिन राजस्थान में इसका बहुत प्रभाव है. प्रदेश में ‘अबूझ सावे’ के रूप में यह पर्व विख्यात है.
50 हज़ार से अधिक शादियां होगी
राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से मुझे वरिष्ठ नागरिकगणों, युवाओं, स्वयंसेवी संस्थानों सहित आमजन के बड़ी तादाद में पत्र प्राप्त हुए है. उन्होंने इस महापर्व को देखते हुए मतदान दिनांक दो दिन पूर्व या इसके बाद करवाने का विशेष आग्रह किया है. लाखों लोग के वोट देने पर संशय: सांसद चौधरी ने पत्र में बताया कि मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अबूझ सावे के स्वरूप इस दिन करीबन 50 हज़ार से अधिक शादियां होगी. एक शादी में रिश्तेदार, हलवाई, टेंट, बैंड सहित विभिन्न वर्ग सीधे रूप में जुड़े होते हैं.
समारोह छोड़कर वोटिंग करने शायद ही जा पाएं
लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर रिश्तेदारों के घर जाते हैं. विवाह के एक दो दिन पहले एक दूसरे के गांव घर जाते हैं. वहीं जिनके यहां शादी है, वो तैयारियों में उलझे रहेंगे. ऐसे में दोनों ही सूरत में वो कामकाज या समारोह छोड़कर वोटिंग करने शायद ही जा पाएं. यह समस्या लाखों लोगों के सामने आएगी. सांसद चौधरी ने लिखा कि एक तरफ चुनाव आयोग एवं हम सभी का दायित्व रहता है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़े. लोकतंत्र के पावन उत्सव में आमजन एक बड़ी भागीदारी कर भारतीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था को मजबूत करें.
मतदान जागृति के संकल्पों को प्रभावित करेगा
वहीं राजस्थान में शुभ मुहूर्त के बड़े महापर्व के दिन मतदान का आयोजन निर्वाचन आयोग के मतदान जागृति के संकल्पों पर सीधे तौर पर प्रभावित करेगा. सांसद चौधरी ने आशा जताई कि जन भावनाओं एवं निर्वाचन आयोग की मूल भावना ‘मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी’ को ध्यान में रखते हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 की निर्धारित दिनांक 23 नवम्बर को बदलने में विचार होगा.
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