Rajasthan Election 2023: टिकट कटा तो कांग्रेस से खेल गए खिलाड़ी लाल बैरवा, पायलट गुट के MLA ने दे दिया इस पद से इस्तीफा
Rajasthan Elections 2023: खिलाड़ी लाल बैरवा बसेड़ी से कांग्रेस के विधायक हैं. उन्होंने राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी ने इसबार उन्हें टिकट नहीं दिया था.
Rajasthan Elections 2023 News: राजस्थान में तीन दशकों से चली आ रही सत्ता परिवर्तन की परंपरा को तोड़ने की कोशिश में कांग्रेस पार्टी लगातार लगी हुई है, लेकिन इस राह में उसे लगातार झटके लग रहे हैं. टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस के सामने ये समस्या और विकराल होती जा रही है. कई बागी टिकट न मिलने से खफा होकर बगावत के रास्ते पर उतर गए हैं. इसी सूची में एक और नाम जुड़ गया है बसेड़ी से विधायक और सचिन पायलट गुट के माने जाने वाले नेता खिलाड़ी लाल बैरवा का.
कांग्रेस ने काट दिया बसेड़ी विधायक खिलाड़ी का टिकट
विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. सचिन पायलट गुट के नेता माने जाने वाले खिलाड़ी लाल बैरवा बसेड़ी से विधायक हैं. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को उम्मीदवारों की जो चौथी लिस्ट जारी की थी, उसमें उनका नाम नहीं था. उनकी जगह कांग्रेस पार्टी ने संजय कुमार जाटव को बसेड़ी से उम्मीदवार बना दिया है. यानी खिलाड़ी लाल बैरवा का टिकट काट दिया है. टिकट कटने के अगले ही दिन राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना, बैरवा की नाराजगी का इजहार ही माना जा रहा है.
टिकट कटने के अगले ही दिन गिना दीं कांग्रेस की खामियां
उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के के नाम लिखे अपने इस्तीफे में भी कांग्रेस पार्टी को जमकर कोसा है. उन्होंने कहा कि आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही वो लगातार राज्य का भ्रमण कर अनुसूचित जाति वर्ग की समस्याओं को सुन रहे थे और उन्होंने इस वर्ग को न्याय दिलवाने के तरीके भी सुझाए थे. हालांकि उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी के ही नेताओं द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग की आवाज दबाई जा रही है और इससे दुखी हो कर वो आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
हालांकि खिलाड़ी लाल बैरवा ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है और न ही पार्टी के फैसले के खिलाफ उतरकर बसेड़ी से चुनाव लड़ने की ही कोई घोषणा की है. लेकिन उनके इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा करने के साथ-साथ कांग्रेस के माथे पर शिकन की लकीर जरूर खींच दी है.