Sanganer Vidhan Sabha Seat: राजस्थान में जयपुर जिले की सांगानेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस को हर बार हार मिल रही है. यह स्थिति पिछले 20 सालों से है. यहां पर बीजेपी को ही जीत मिल रही. इतना ही नहीं जो हार जीत का अंतर रहता है वो भी 30- 40 हजार वोट का रहता है. ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस ने मजबूत प्रत्याशी की जगह अपने पुराने प्रत्याशी पर भरोसा जताया है. पिछले 20 सालों में पहली बार 2018 में इस सीट पर कांग्रेस को 50 हजार से अधिक वोट मिले थे.
यहां पुष्पेंद्र भारद्वाज (Pushpendra Bhardwaj) को 72 हजार से वोट मिले, फिर भी कांग्रेस को 30 हजार से अधिक वोट से हार मिली. यहां पर इस वजह से कॉग्रेस और बीजेपी में तनाव की स्थिति बनी हुई है. बीजेपी भी नए चेहरों को लेकर मैदान में उतरने की तैयारी में है. क्योंकि, इस सीट पर बीजेपी को हमेशा जीत मिल रही है और दूसरी तरफ यह सीट भी बीजेपी के मेयर के क्षेत्र में आती है. सीवेरज और बीसलपुर पानी की पाइप लाइन बिछाने का बड़ा मुद्दा है. इसे लेकर लोगों में आक्रोश और नाराजगी भी है. ऐसे में कांग्रेस इन मुद्दों को ठीक करने का दावा कर रही है और बीजेपी इसपर शांत है.
यहां की राजनीति
सांगानेर में ब्राह्मण और राजपूत वोटर्स की संख्या ज्यादा है. ऐसे में बीजेपी के टिकट पर जीत की हैट्रिक लगाने वाले घनश्याम तिवाड़ी अब यहां पर चुनाव के सीन में नहीं हैं. उनकी जगह बीजेपी ने पूर्व मेयर अशोक लाहोटी को मैदान में उतार दिया था. बीजेपी के मजबूत वोट बैंक की वजह से इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली और बीजेपी के तीन बार के विधायक घनश्याम तिवाड़ी (ghanshyam tiwari) को करारी हार मिली. ब्राह्मणों के वोट बंट गए फिर भी बीजेपी को बड़ी वोटों के अंतर से जीत मिली गई थी. चुनाव पर नजर रखने वाले भंवर सिंह रेटा का कहना है कि पुष्पेंद्र भारद्वाज को मैदान में उतार कर कांग्रेस ने बड़ा दांव चला जिसका असर चुनाव में दिखा भी. इसलिए यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ब्राह्मण चेहरे पर जोर दे रहे है.
युवा चेहरा और मुद्दे वहीं
सांगानेर विधानसभा सीट पर युवा चेहरों के भरोसे पार्टी मैदान में जाने की तैयारी में है. बीजेपी की तरफ से युवा मोर्चा अध्यक्ष और पूर्व मेयर को मैदान में उतारा जा सकता है. वहीं कांग्रेस अपने पुराने युवा प्रत्याशी के साथ मैदान में जाने की तैयारी में है. मुद्दे वही हैं. सीवरेज की बेहतर व्यवस्था और बीसलपुर बांध के पानी का मुद्दा छाया हुआ है. ऐसे में मुद्दे नहीं बदले लेकिन चहरे जरूर बदलने पर जोर दिया जा रहा है.
विधान सीट पर क्या रहा जीत और हार का आंकड़ा
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अशोक लाहोटी को 107947 वोट मिले और उनकी जीत हुई. कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 72542 वोट मिले मगर हार हुई. वहीं बीजेपी से बगावत करने वाले घनश्याम तिवाडी को 17371 वोट मिले और नोटा को 2325 वोट मिले. वर्ष 2013 को देखे तो BJP के घनश्याम तिवाड़ी को 1,12,465 वोट मिले थे और उनकी जीत हुई थी. कांग्रेस के संजय बापना को 47,115 वोट मिले थे और उनकी हार हुई थी. वहीं 2008 में BJP के घनश्याम तिवाड़ी को 75,729 मत मिले थे और उनकी जीत हुई. सुरेश मिश्रा को 42,817 वोट मिले और उनकी हार हो गई थी. वर्ष 2003 में बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी 87357 वोट मिले और जीत हो गई थी. कांग्रेस के इंद्रा मायाराम को 54332 वोट मिले थे.
कितने हैं वोटर्स
सांगानेर विधानसभा सीट बहुत ही महत्वपूर्ण सीट है. यहां कुल 3,01,559 वोटर्स हैं. 1,59,293 पुरुष और 1,42,266 महिला वोटर्स हैं. वर्ष 2018 में 68.77 और 2013 में 68.16% मत पड़े थे. वहीं इस सीट पर 2008 में 55.6% वोटिंग हुई थी.
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