Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनाव 2023 जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो रही हैं. वहीं पार्टी नेताओं को अब अपने बेटों और रिश्तेदारों को सेट करने का भी मौका दिया जा रहा है. ऐसे में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने अपने बेटे की राजनीति में प्रदेश स्तर पर सीधी एंट्री करा दी है, वह भी बड़े स्तर पर. जो कभी जिला कार्यकारिणी में नहीं रहे, वह सीधा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य के रूप में 4 माह पहले ही पहुंचे थे. अब उन्हें सीधे तौर पर महासचिव बना दिया गया है. 


इससे साफ जाहिर है कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल राजनीति में अपने बेटे की एंट्री कराना चाह रहे हैं. यह भी माना जा रहा है कि कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र से यूडीएच मंत्री का अगर नंबर नहीं आता है तो उनके बेटे को आगे किया जाएगा. 


शांति धारीवाल का राजनीति से संन्यास होगा?
प्रदेश कार्यकारिणी की जिस तरह से कांग्रेस में नई घोषणा की गई है, उससे साफ कहा जा रहा है कि धारीवाल की राजनीति से या तो विदाई होगी और बेटे को आगे किया जाएगा. धारीवाल ने अपने पद का उपयोग करते हुए राजनीति में अपने बेटे का पदार्पण किया है. ऐसे में शहर ही नहीं पूरे प्रदेश में इस नियुक्ति को लेकर हलचल तेज हो गई है और कई जगह से इस नियुक्ति को लेकर लोग दबी जुबान में विरोध के स्वर भी मुखर कर रहे हैं. हालांकि कोई की खुलकर सामने अभी तक नहीं आया है.


जिला अध्यक्ष जी धारीवाल के चहेते
कोटा राजनीति में भी तेजी से हलचल हो रही है. ऐसे में में कई और भी पद दिए गए हैं. जिला अध्यक्ष के तौर पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के सबसे करीबी रहने वाले रवींद्र त्यागी को फिर से मौका दिया गया है, जबकि देहात में भानु प्रताप सिंह को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. इसके साथ ही कोटा दक्षिण विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ी राखी गौतम को महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है. 


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