Rajasthan Election: कोटा की धरती से राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 का आगाज हो गया है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (vasundhra raje) ने केन्द्र सरकार की योजनाओं को गिनाया वहीं कांग्रेस सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया. वसुंधरा राजे सीधे हेलीकॉप्टर से रविवार को सभा स्थल पहुंचीं जो कोटा से करीब 10 किलोमीटर दूर थी. इस महारैली को लेकर कई मायने लगाए जा रहे हैं, एक तो इस पूरी रैली में बीजेपी संगठन के बड़े नेता नदारत रहे. 


वहीं प्रदेश बीजेपी से भी लोगों ने दूरियां बनाई लेकिन इस रैली को देखकर कहा जा सकता है कि वसुंधरा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. महारैली को सम्बोधित करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के शासन में विकास तो हुआ पर राजस्थान का नहीं कांग्रेस का. विकास तो हुआ पर राजस्थान का नहीं भ्रष्टाचार का. विकास तो हुआ पर प्रदेश का नहीं, महिला, दलित अत्याचार का. विकास तो हुआ पर राजस्थान का नहीं, बेरोजगारी का. पूरा प्रदेश इस सरकार से छुटकारा पाना चाह रहा है. कब चुनाव आएं और कब इससे निजात जाएं.


वसुंधरा राजे ने कहा -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में हुआ विकास


वसुंधरा ने कहा कि किसी ने कल्पना भी नहीं की कि जन संघ का जो छोटा सा दीपक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी,पं.दीन दयाल जी उपाध्याय, अटल जी,आडवाणी,भैरों सिंह और राजमाता विजया राजे सिंधिया ने जलाया था, वह आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास के प्रकाश से पूरे देश को रोशन करेगा. जो भारत की तरफ आंख उठा कर देखते थे, वो देश आज भारत के सामने नजरें झुका कर खड़े हैं. ये अंतर है सिर्फ़ 9 सालों में.
 
भारत की गिनती पहले नीचे से होती थी अब ऊपर से


पूर्व सीएम राजे ने कहा कि कभी जिस भारत की पहले नीचे से गिनती हुआ करती थी आज वो ही भारत ऊपर से गिना जाता है. जो भारत पहले दूसरे देशों से सलाह लेता था,आज उसी भारत से दुनिया के बड़े-बड़े देश सलाह ले रहे हैं. जो भारत दूसरे देशों की सहायता पर निर्भर था, आज वो देश भारत से सहायता ले रहे हैं.


उन्होंने कहा कि गहलोत की सरकार अधिकांश समय कागजों, बयानों, निदेर्शों, आपसी झगड़ों और होटलों में ही दिखाई दी है.दो बड़े काम किए हैं इस सरकार ने या तो हमारी योजनाओं को बंद कर दिया या उनका नाम बदल दिया. हमने देश में पहली बार भामाशाह योजना शुरू कर महिलाओं को परिवार का मुखिया बनाया. उनके बैंक में खाते खुलवाए, जिससे विभिन्न सरकारी योजनाओं का पैसा उनके खाते में जमा होने लगा. इससे महिलाओं का सम्मान बढ़ा. वित्तीय समावेशन या फाइनेशियल इन्क्लूजन की दुनिया की यह पहली बड़ी योजना थी. जिसे इस सरकार ने बंद कर दिया.


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