Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव और राजस्थान के राजनीतिक हालात पर एक घंटे से भी ज्यादा देर तक चर्चा की. सूत्रों की मानें तो, वसुंधरा राजे सिंधिया ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी आलाकमान उनकी भूमिका को स्पष्ट करे.


बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ेगी बीजेपी
दरअसल, वसुंधरा राजे सिंधिया वर्तमान में पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, लेकिन, वे राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. वसुंधरा गुट की तरफ से लगातार आलाकमान पर यह दवाब बनाया जा रहा है कि पार्टी उन्हें अपना चेहरा घोषित कर चुनाव में उतरे लेकिन राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए पार्टी आलाकमान काफी पहले ही सैद्धांतिक तौर पर यह फैसला कर चुका है कि पार्टी राजस्थान में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव में नहीं उतरेगी.


बड़ी भूमिका दे सकती है पार्टी
पार्टी गहलोत सरकार को हराने के लिए यह तय कर चुकी है कि प्रदेश का विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा. हालांकि, इसके साथ ही यह भी संदेश दिया जाता रहा कि वसुंधरा राजे सिंधिया के राजनीतिक कद और अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कोई बड़ी भूमिका दे सकती है. लेकिन राज्य बीजेपी में लगातार बदल रहे समीकरणों की वजह से वसुंधरा राजे का गुट अपने आपको असहज महसूस कर रहा है. पार्टी आलाकमान लगातार यह कोशिश कर रहा है कि प्रदेश बीजेपी में व्याप्त गुटबाजी समाप्त हो और वसुंधरा राजे सिंधिया समेत पार्टी के सभी नेता मिलकर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुट जाएं.


जेपी नड्डा ने दी थी नसीहत
जेपी नड्डा स्वयं राजस्थान बीजेपी के नेताओं को कई बार यह नसीहत दे चुके हैं. क्योंकि पार्टी आलाकमान का यह मानना है कि अगर पार्टी नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी और खींचतान जारी रही तो प्रदेश में चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा. हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने प्रदेश के सवाईमाधोपुर में आयोजित विजय संकल्प बैठक में राजस्थान बीजेपी के नेताओं को संबोधित करते हुए दो टूक शब्दों में यह नसीहत दी थी कि बीजेपी को प्रदेश में सरकार बनानी है, राजस्थान बहुत महत्वपूर्ण राज्य है और इसलिए सभी नेताओं को आपस में गिले-शिकवे दूर कर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाना चाहिए.


बीएल संतोष ने जताई थी नाराजगी
बताया जा रहा है कि बीएल संतोष ने कुछ नेताओं के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए यह भी कहा था कि संगठन के किसी भी नेता की अनदेखी ठीक नहीं है और प्रदेश में सभी को एकजुट होकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार को विधानसभा चुनाव में हराने के लिए जुट जाना चाहिए.


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