Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान के कोटा (Kota) जिले में चुनाव आयोग स्वयं सेवी संस्थाएं और आमजन की सक्रिय भागीदारी से वोटिंग प्रतिशत लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में इस साल राजस्थान में हो रहे चुनाव को देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाए जाने के क्रम में कई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं. यहां कभी विकलांगों की रैली निकाली जा रही है, तो कभी वृद्धजन मतदान करने का संदेश दे रहे हैं. कहीं नाट्य मंचन का सहारा लेकर वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. कहीं व्यापारियों द्वारा अपने संस्थान पर पोस्टर चस्पा कर लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि इस बार अधिक से अधिक वोटिंग करें.


चुनाव आयोग हर बार लोगों को मतदान के लिए जागरूक करता है और ये प्रयास करता है कि शत प्रतिशत मतदान हो, हालांकि अभी तक शत प्रतिशत मतदान तो नहीं हुआ, लेकिन फिर भी पहले के मुकाबले लोगों में जागरूकता आई है.  कोटा जिले की बात करें तो यहां साल 2003 में वोटिंग प्रतिशत कम हुआ था.  उसके बाद यहां वोटिंग प्रतिशत लगातार बढ़ता ही गया. कोटा में साल 1998 में 60.23 फीसदी मतदान हुआ था. उसके बाद यहां साल 2003 में हुए चुनाव में मतदान प्रतिशत घट गया. साल 2023 में यहां वोटिंग प्रतिशत 58.5 रहा, जो 1998 के मुकाबले 1.73 प्रतिशत कम रहा.


2013 में वोटिंक मामले में नंबर वन था कोटा  
वहीं बता दें कि कोटा जिला साल 2013 में हुए चुनाव में वोटिंग प्रतिशत के मामले में प्रथम स्थान पर रहा था. साल 2018 में यहां वोटिंग प्रतिशत तो बढ़ा, लेकिन अन्य जगहों के मुकाबले यहां वोटिंग कम हुई. कोटा में साल 1993 में 56.63 वोटिंग प्रतिशत रहा. साल 1998 में 60.23, 2003 में 58.5, 2008 में 62.5, 2013 में 75.29 और 2018 में 75.52 प्रतिशत मतदान रहा. बता दें प्रदेश में इस बार 25 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजों का एलान तीन दिसंबर को किया जाएगा.


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