Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव ( Rajasthan Assembly Elections 202) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है.वैसे-वैसे ही चुनावी रंगत बढ़ती ही जा रही है. कांग्रेस (Congress) और बीजेपी दोनों ही पार्टी संगठन को मजबूत कर रहे हैं. जहां बीजेपी में लगातार प्रदेश उलटफेर हो रहे हैं तो कांग्रेस में भी बदलाव की बयार बह रही है. कांग्रेस में मांग है कि विधानसभा में टिकिट की घोषणा जल्दी की जाए ताकी प्रत्याशी को अधिक समय मिले और विरोधाभास भी दूर किया जा सके. अब कांग्रेस ने चुनाव समिति की घोषणा की है. यह दिखावे की समिति है या इसका आदेश भी माना जाएगा यह तो समय ही बताएगा. कोटा संभाग से इसमें कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया को शामिल किया गया है. 


भरत सिंह लगाते रहे हैं भ्रष्टाचार के आरोप 
राजस्थान कांग्रेस प्रदेश चुनाव समिति में कोटा संभाग से बारां जिले के गोपालन व खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया का नाम शामिल है. इस नाम के आते ही एक बार फिर से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कुछ को यह नाम रास आ रहा है तो विरोधियों की भौहें तन गई हैं.पूर्व मंत्री और सांगोद विधायक भरत सिंह प्रमोद जैन भाया का सालों से विरोध करते चले आ रहे हैं. इसकों लेकर मुख्यमंत्री तक को वह कटघरे में खड़ा कर चुके हैं.


कई दिग्गजों को कर दिया दरकिनार
कोटा संभाग में वैसे तो कांग्रेस राजनीतिक समीकरण बैठाने का प्रयास कर रही है, हाल ही में जारी कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा में राखी गौतम और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के पुत्र को सीधा प्रदेश में भेजा गया. जबकी कई बड़े नेताओं को साइड लाइन कर दिया गया.इसमें बारां से कोई नाम सामने नहीं आया वहीं झालावाड़ में कांग्रेस का अस्तित्व बचाने वाला कोई नहीं बचा है. वहीं अब चुनाव समिति की घोषणा में पूर्व मंत्री भरत सिंह, पूर्व मंत्री राम नारायण मीणा, पूर्व मंत्री राम गोपाल बैरवा, खादी ग्रामोद्योग के उपाध्यक्ष पंकज मेहता, दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके नईमुद्दीन गुड्डू, सबसे प्रभावी नेता शांति धारीवाल को इस समिति में शामिल नहीं करना चर्चा का विषय है. 


भाया का बढ़ा कद, कई बड़े आयोजनों से बनाई साख 
बारां जिले की अंता विधानसभा से विधायक प्रमोद जैन भाया का इस क्षेत्र में बड़ा नाम है. यहां उन्होंने काफी विकास कार्य करवाए हैं. उन्होंने बारां में देश का अनूठा पक्षियों का अस्पताल बनवाया है. वहीं हजारों निर्धन परिवार के बेटा-बेटियों की निशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन के माध्यम से शादिया भी करवाई है. जैन तीर्थ और भागवत कथा के साथ जैन चातुर्मास और ना जाने कितने ही कार्यक्रम करवाए गए. इसमें कई बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शिरकत की.  


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