Rajasthan Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2022) को लेकर दिल्ली में आज कांग्रेस (Congress)की एक अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुर खरगे (Mallikarjun Kharge), राहुल गांधी (Rahul Gandhi), अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के अलावा सचिन पायलट (Sachin Pilot) भी शामिल होंगे. कांग्रेस इस बैठक में राजस्थान चुनाव की रणनीति बनाएगी. बागी की भूमिका अपनाए हुए सचिन पायलट की भूमिका पर भी इस बैठक में चर्चा होगी. 


कांग्रेस की कवायद


बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी राजस्थान के कांग्रेस नेताओं को चुनावी टास्क देंगे.जानकारों के मुताबिक इस बैठक में राजस्थान विधानसभा चुनाव की रणनीति के साथ सचिन पायलट की भूमिका पर कोई फैसला हो सकता है.पिछले दिनों इसी तरह की बैठक छत्तीसगढ़ के मामले में हुई थी. इसके बाद मंत्री टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया गया था.छत्तीसगढ़ में भी सरकार बनने के बाद से ही खींचतान चल रही थी. इसे कांग्रेस ने चुनाव से पहले मिटाने की पहल की है. अब राजस्थान की बारी है. 


राहुल गांधी पहले यह बैठक एक जुलाई को करने वाले थे. लेकिन कांग्रेस विधायकों की सालासर में होने वाले दो दिन के सम्मेलन का हवाला देकर इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गई. इस बीच सीएम अशोक गहलोत के पैरों में दिक्कत होने की वजह से विधायक और उम्मीदवारों के सम्मेलन को टाल दिया गया. आज होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हो सकते हैं.


कितने नेता बैठक में बुलाए गए हैं


सूत्रों के मुताबिक करीब 20 नेताओं को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखिजंदर रंधावा, तीनों सहप्रभाारी पिछले तीन दिनों से दिल्ली में ही जमे हुए हैं.पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से सचिन पायलट इस बैठक में शामिल हो सकते हैं. 


सचिन पायलट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच और पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. इसके लिए वो जयपुर में धरना देने के अलावा अजमेर से जयपुर तक की जन संघर्ष यात्रा तक निकाल चुके हैं. हालांकि कुछ दिन पहले कांग्रेस आलाकमान और अशोक गहलोत के साथ दिल्ली में हुई बैठक के बाद वो शांत हैं. 


अशोक गहलोत- सचिन पायटल विवाद


इस बीच अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की मांगों पर कदम उठाना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि पेपर लीक के दोषियों के लिए उम्रकैद की सजा के लिए सरकार विधानसभा में बिल लाएगी. उनकी इस घोषणा को राजस्थान के राजनीतिक गलियारे में सुलह की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.  


ऐसी खबरें थी कि सचिन पायलट फिर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहते हैं.वहीं कांग्रेस आलाकमान उन्हें राजस्थान की राजनीति से निकालने के लिए राष्ट्रीय महासचिव बनाना चाहता है.इस पर वो सहमत नहीं है.उन्हें चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाकर आलाकमान बीच का कोई रास्ता बी निकाल सकता है. 


राजस्थान को लेकर कांग्रेस आलाकमान की क्या योजना है, इसका पता तो अब से कुछ देर बाद शुरू होने वाली बैठक के बाद ही चल पाएगा. लेकिन अशोक गहलोत-सचिन पायलट विवाद का असर जानने के लिए हमें चुनाव का परिणाम आने तक इंतजार करना होगा.


ये भी पढ़ें



  1. Bharatpur: भरतपुर के सबसे बड़े अस्पताल में डायलसिस और सोनोग्राफी की मशीनें खराब, मरीज हो रहे परेशान