Rajasthan Election 2023: मेवाड़ की वो महिला नेताएं जिन्होंने प्रदेश में जमाई धाक, एक तो भारत छोड़ो आंदोलन में भी थीं शामिल
Rajasthan Elections 2023 News: राजस्थान के मेवाड़ की बात करें तो यहां आजादी के बाद 70 के दशक से लेकर अब तक कई ऐसी महिला नेता हुईं, जिनका प्रदेश में भी डंका बजा है.
Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के कुछ ही हफ्ते शेष रह गए हैं. इस विधानसभा चुनाव में केंद्र की भाजपा (BJP) सरकार ने एक मुद्दा छेड़ दिया हैं, जो हर वक्त चर्चाओं का विषय बना हुआ है. वह है लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का. कांग्रेस (Congress) पार्टी इसको लेकर हमलावर है, तो भाजपा इसे भुनाने में लगी हुई है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या महिलाओं को वाकई राजनीति में वह जगह नहीं मिली, जो मिलनी चाहिए थे. इस पर अलग अलग लोगों की अलग अलग प्रतिक्रियाएं हैं.
वहीं मेवाड़ की बात करें तो यहां आजादी के बाद 70 के दशक से लेकर अब तक कई ऐसी महिला नेता हुईं, जिनका प्रदेश में भी डंका बजा है. हम आज आपको ऐसी कुछ महिला नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं. इनमें सबसे पहली हैं, दिवंगत लक्ष्मी कुमारी चुंडावत. लक्ष्मी कुमारी चुंडावत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्या थीं और उन्होंने राजसमंद जिले की देवगढ़ विधानसभा का 1962 से 1971 तक प्रतिनिधित्व किया. वो 1972 से 1972 तक राज्यसभा की सदस्या रहीं. यही नहीं वह लेखिका थीं और उन्हें राजस्थानी साहित्य में उनके योगदान के लिए 1984 में पद्मश्री पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया.
इंदुबाला सुखाडिया 1984 में चुनी गई सांसद
इस लिस्ट में इंदुबाला सुखाडिया का नाम भी आता है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया की पत्नी दिवंगत इंदुबाला सुखाडिया वर्ष 1984 ने उदयपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गई. आठ मई 1999 को उनका निधन हुआ. इस फेहरिस्त में दिवंगत नारायणी देवी का शुमार है. नारायणी देवी आजादी के बाद संयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री मणिक्यलाल वर्मा की पत्नी थीं. वह स्वतंत्रता सैनानी थीं और भारत छोड़ो आंदोलन में भी शामिल होकर जेल गई थीं. वह 1970 से 76 तक राज्यसभा सांसद भी रहीं.
इस लिस्ट में दिवंगत निर्मला कुमारी शक्तावत का भी नाम भी है. राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहीं निर्मला कुमारी शक्तावत चित्तौड़गढ़ से दो बार सांसद और एक बार विधायक रहीं. वो कांग्रेस की वरिष्ठ नेता थीं. इस फेहरिस्त में किरण माहेश्वरी का शामिल हैं. वो प्रदेश की बड़ी महिला नेताओं में से एक रही हैं. दिवंगत किरण माहेश्वरी राजसमंद सीट पर भाजपा से दो बार विधायक और उदयपुर सीट से एक बार सांसद रहीं. वो राजस्थान में भाजपा की वरिष्ठ नेता रहीं.
दीप्ति माहेश्वरी का नाम भी बड़ी महिला नेताओं में शुमार
इस लिस्ट में प्रीति शक्तावत का नाम भी आता है. प्रीति शक्तावत कांग्रेस के दिग्गज नेता गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी हैं. गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद हाल ही उपचुनाव में प्रीति शक्तवात वल्लभनगर सीट से विधायक बनी. इसी तरह दीप्ति माहेश्वरी का नाम भी बड़ी महिला नेताओं में शुमार है. मां किरण माहेश्वरी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में दीप्ति माहेश्वरी जीत कर विधायक बनीं. रमिला खड़िया की गिनती भी बड़ी महिला नेताओं में होती है.
रमिला खड़िया भी मानी जाती हैं बड़ी नेता
बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ सीट से कांग्रेस से टिकट ना मिलने पर रमिला खड़िया निर्दलीय विधायक बनीं. सीएम अशोक गहलोत ने खुले मंच से उनकी तारीफें की हैं. यही नहीं वो सीएम गहलोत की करीबी भी मानी जाती है. इसी तरह सज्जन कटारा का नाम भी बड़ी महिला नेताओं में शुमार है. वो उदयपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से वर्ष 2008 में विधायक रहीं. उनका परिवार राजनीति में काफी पुराना है. सज्जन कटारा कांग्रेस के दिग्गज नेता खेमराज कटारा की पत्नी हैं. अभी वो प्रधान पद पर हैं
दिया कुमारी का नाम भी बड़ी महिला नेताओं में शुमार होता है. वो पूर्व राजघराने की सदस्य और अभी राजसमंद से सांसद हैं. इस चुनाव ने वह काफी चर्चाओं में हैं. वो जयपुर की विद्यानगर सीट से विधायक का चुनाव लड़ने जा रही हैं. इनके अलावा भी कई महिला नेताओं के नाम हैं, जो मेवाड़ का विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.