Rajasthan Elections 2023 News: राजस्थान विधानसभा 2023 के चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक हलचलें तेज होती जा रही है. जहां राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता सामने आ रही है वहीं कार्यकर्ता और आमजन भी अपने काम को कराने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं. काम नहीं होने पर नेताओं को भी तीखा विरोध झेलना पड़ रहा है.

ऐसा ही एक मामला लाडपुरा कर्बला क्षेत्र में देखने को मिला जहां पर हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल घर घर जा रहे थे. इसी दौरान एक धार्मिक स्थल पर जमा भीड़ ने धारीवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. धारीवाल मुर्दाबाद के नारे लगाए. 

धार्मिक स्थलों पर कार्य नहीं होने से थे नाराज 
स्थानीय लोगों का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर कार्य नहीं हो रहे, जिसके चलते तीखा विरोध किया. लाडपुरा क्षेत्र में विशेष समुदाय के लोग पहले एकत्रित हुए और आपस में ही बहस करने लगे. इस दौरान दो गुटों में आपस में तीखी बहस हुई और एक वर्ग चाहता था कि धार्मिक स्थलों का अभी तक भी साढे 4 साल बीतने के बाद भी विकास नहीं हुआ. वहीं दूसरे कांग्रेस कार्यकर्ता उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे थे. ऐसे में शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई. नारेबाजी के दौरान ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल एवं पीसीसी (PCC) सदस्य अमित धारीवाल भी वहां पहुंच गए. जिस पर कई लोगों ने धारीवाल के सामने समुदाय विशेष के धार्मिक स्थलों पर कार्य नहीं होने को एवं अन्य कार्यों के नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की और उन्हें अपने वादों को याद दिलाया.

धारीवाल ने भी दिखाए तीखे तेवर 
इस माहौल को देखकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी खासे नाराज नजर आए. शुक्रवार (7 जुलाई) की इस घटना का वीडियो कोटा शहर और आसपास तेजी से वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो के आधार पर धारीवाल भी सामने वाले लोगों से तीखी बहस करते नजर आ रहे हैं. उसके बाद वह वहां से चले जाते हैं. उनके जाने के बाद एक बार फिर बहस शुरू हो जाती है और कार्यकर्ता आमने-सामने हो जाते हैं. ऐसे में जाते-जाते भी लोगों ने यूडीएच (UDH) मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शांति धारीवाल मुर्दाबाद के नारे लगाए. यह क्षेत्र कोटा उत्तर विधानसभा का है. जहां से वह स्वयं मंत्री और विधायक के तौर पर आते हैं. मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा विरोध किए जाने पर दूसरे पक्ष के कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की है. वही एक पक्ष धार्मिक स्थलों का विकास कार्य चाहता है और उसके नहीं होने से यह सारा मामला देखने को मिला है.