Rajasthan Politics: बीजेपी के दिग्गज नेता और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) को राज्यपाल (Assam Governor) बनाए जाने पर सियासी हलचल तेज हो गई है. मेवाड़ से लेकर जयपुर तक में सवाल उठ रहा है कि नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी कौन निभाएगा और मेवाड़ में कटारिया की जगह कौन लेगा. उदयपुर शहर की सीट पर बीजेपी का चेहरा कौन होगा?


सबसे ज्यादा चर्चा उदयपुर प्रिंस लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ (Udaipur Prince Lakshyaraj Singh Mewar) के नाम की हो रही है. अब देखना है कि मेवाड़ को संभालने के लिए उदयुपर प्रिंस आगे आएंगे या नहीं.


लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का नाम सुर्खियों में कैसे आया?


लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ पिछले कुछ साल से सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और लाखों फॉलोअर हैं. सामाजिक कार्यक्रमों में भी लक्ष्यराज सिंह नजर आते दिखाई देते हैं. खास बात कि सामाजिक कार्यों में उनके नाम 7 रिकॉर्ड भी हैं. यूथ आइकन उदयपुर प्रिंस के दावेदारी दिखाने पर आसानी से जीत हो सकती है. लक्ष्यराज सिंह से बीजेपी के नेता भी मिले थे और उन्होंने खुद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी से लखनऊ में कुछ समय पहले मुलाकात की थी. राजनीति में एंट्री के सवाल पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया. उनका कहना था कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों से बेहद प्रेम मिला है. रिपोर्ट के अनुसार ज्योतिषाचार्य बेजान दारूवाला ने भविष्यवाणी की थी कि लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे.


लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का कहना था कि कुछ चीजों का जवाब सिर्फ समय देता है. मैं भविष्यवाणी करने योग्य नहीं हूं." सियासी समीकरण भी कुछ यही इशारा कर रहे हैं. लोगों में चर्चा है कि गुलाब चंद कटारिया लंबे समय से मेवाड़ की 28 सीटों को संभाले हुए थे. उनके बाद कोई चेहरा मेवाड़ में उस कद का नहीं है. अब इससे भी ऊपर मेवाड़ को संभालने के लिए सभी लक्ष्यराज सिंह की तरफ निगाहें टिकाए हुए हैं क्योंकि उनका कद काफी बड़ा है. चर्चा है कि लक्ष्यराज सिंह की दावेदारी सामने आने पर विधायक ही नहीं बल्कि सबसे बड़े पद सीएम के लिए होगी. सही है कि बीजेपी में अभी मुख्यमंत्री का चेहरा सामने नहीं है. 


गवर्नर बनाए जाने के बाद कटारिया की जगह कौन? 


मेवाड़ की 28 सीटों पर कुछ दशक पहले कांग्रेस का एकछत्र राज था. राजस्थान की राजनीति के दिग्गज मोहनलाल सुखाड़िया (Mohanlal Sukhadia) ने तीन बार मुख्यमंत्री का पद संभाला. समय बदलने के साथ मेवाड़ बीजेपी का गढ़ बन गया. 2003 से कटारिया विधायक बनते आ रहे हैं. इससे पहले भी कटारिया विधायक बन चुके थे. कटारिया के बाद मेवाड़ में ऐसा कोई चेहरा नहीं जो उनकी गद्दी को संभाल सके, सिवाय लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के. इसलिए बीजेपी की निगाहें उदयपुर प्रिंस पर टिकी हुई हैं. 


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