Rajasthan Assembly Session: कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 'गांधी वाटिका न्यास, जयपुर अधिनियम, 2023' को मंगलवार को निरस्त कर दिया गया. इस आशय का एक विधेयक- 'गांधी वाटिका न्यास, जयपुर (निरसन) विधेयक, 2024' को 15 जुलाई को राजस्थान विधानसभा में पेश किया गया था, जिसे 30 जुलाई को सदन में चर्चा के बाद ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.


विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि गांधी संग्रहालय के बेहतर संचालन और महात्मा गांधी के विचारों के व्यापक और प्रभावी प्रचार-प्रसार के लिए गांधी वाटिका न्यास जयपुर (निरसन) विधेयक पेश किया गया है.


इसलिए निरस्त किया गया पिछला विधेयक
मंत्री सुमित गोदारा मंगलवार को विधानसभा में गांधी वाटिका न्यास, जयपुर (निरसन) विधेयक-2024 पर हुई चर्चा के बाद जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछली (अशोक गहलोत) सरकार ने गांधी संग्रहालय के संचालन के लिए 3 अक्टूबर, 2023 को गांधी वाटिका न्यास की स्थापना की. पिछले विधेयक को इसलिए निरस्त किया गया है, क्योंकि इसमें संग्रहालय के उपाध्यक्ष को व्यापक शक्तियां दी गई थीं.


उपाध्यक्ष को हटाने का नहीं था प्रावधान
मंत्री गोदारा ने कहा, “इसमें न्यास के उपाध्यक्ष को असीमित शक्तियां दी गई थीं. अधिनियम में प्रावधान था कि अध्यक्ष भी किसी को हटाएगा तो उपाध्यक्ष के परामर्श से हटा पाएगा. साथ ही, किसी अयोग्यता से ग्रसित होने के बावजूद भी उपाध्यक्ष को हटाने का कोई प्रावधान नहीं किया गया." 


85 करोड़ की लागत से हुआ तैयार
मंत्री ने कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने 85 करोड़ की लागत से इस संग्रहालय का निर्माण करवाया और वर्तमान में जेडीए ही इसका रखरखाव कर रहा है.


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