Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा की 15वीं विधानसभा के सातवें सत्र की बैठक 19 सितंबर से एक बार फिर से शुरू होने जा रही है. मौजूदा सातवें सत्र यानि बजट सत्र के अगले चरण के रूप में इस बैठक को माना जा रहा है. पूर्व में 28 मार्च की शाम बजट सत्र की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुई थी, लिहाजा अब सदन के अंदर विधानसभा के सदस्यों की ओर से लगाए जाने वाले सवालों की संख्या सीमित रहने वाली है. उसकी वजह है कि सदन में एक सत्र में एक सदस्य 40 तांराकित और 60 अतारांकित सवाल ही लगा सकते हैं.
बीजेपी ने लगाया आरोप
ऐसे में सदन के अंदर सक्रिय रहने वाले सत्ता और विपक्ष के विधायक सवालों के जरिए सरकार का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाएंगे. सरकार ने बिना सत्रावसान के बैठक बुलाई है. लिहाजा 33 विधायक इस सत्र की बैठक के दौरान सवाल नहीं लगा पाएंगे, बीजेपी ने आरोप लगाए हैं कि यह तो राज्यपाल के अधिकारों का हनन हैं.
बजट सत्र के दौरान सदन में ज्यादा सवाल लगाकर सक्रिय रहने सदस्य संभवतया इस सत्र में सवाल नहीं लगा पाएंगे. क्योंकि उन्होंने अपने सवालों का कोटा पहले ही पूरा कर लिया है. वे इस सत्र में सवाल लगाने से वंचित रहने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक विधानसभा सचिवालय नियमों का हवाला देकर उन सदस्यों के सवालों को स्वीकार नहीं करेगा, जो पहले ही कुल 100 सवाल लगा चुके हैं. इस सत्र में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ,उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल समेत सत्ता पक्ष के विधायक रामनारायण मीणा, गणेश घोघरा और भरत सिंह कुन्दपुर सवाल लगाने को लेकर वंचित रहने वाले हैं.
ये विधायक भी नहीं कर पाएंगे सवाल
वहीं विधायक अनिता भदेल, अमृतलाल मीणा, अविनाश, कालीचरण सराफ, गिरधारीलाल, गोपाललाल शर्मा, चन्द्रकान्ता मेघवाल, छगन सिंह, धर्मनारायण जोशी, नारायण सिंह देवल, निर्मल कुमावत, प्रताप सिंह, फूल सिंह मीणा, बलजीत यादव, बिहारीलाल, मदन दिलावर, रामलाल मीणा, वासुदेव देवनानी, संतोष, संदीप शर्मा, सतीश पूनिया, समाराम गरासिया, सुभाष पूनिया, सुमित गोदारा, सुरेश टाक, हमीर सिंह भायल और दीप्ति किरण माहेश्वरी मौजूदा बैठक के दौरान सवाल नहीं लगा पाएंगी.
बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी का कहना है कि सरकार वेंटीलेटर पर चल रही है. मंत्री बिना तैयारी के आते हैं. सवालों से घबराते हैं. इसलिए सरकार ने लोकतंत्र और राज्यपाल के अधिकारों का गला घोंटा है. अब अन्य माध्यमों से सरकार को घेरने का काम सदन में किया जाएगा.
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