Rajasthan: 'सनातनी इस तरह की मानसिकता...', जैन संतों पर दिए सरवर चिश्ती के बयान पर भड़के वासुदेव देवनानी
Rajasthan News: विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सरवर चिश्ती ने जैन मुनियों पर टिप्पणी कर सनातन संस्कृति का अपमान किया है. उन्हें पूरे सनातन समाज से माफी मांगनी चाहिए.
![Rajasthan: 'सनातनी इस तरह की मानसिकता...', जैन संतों पर दिए सरवर चिश्ती के बयान पर भड़के वासुदेव देवनानी Rajasthan Assembly Speaker Vasudev Devnani angry over Ajmer S Anjuman Syed Jadgan secretary Sarwar Chishti statement on Jain Muni Rajasthan: 'सनातनी इस तरह की मानसिकता...', जैन संतों पर दिए सरवर चिश्ती के बयान पर भड़के वासुदेव देवनानी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/10/9cc30cdbf4fce3b6c677cccd872ff5461715307137995489_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Rajasthan Latest News: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने अजमेर दरगाह के सेवकों की संस्था 'अंजुमन' के सचिव सरवर चिश्ती की ओर से जैन भिक्षुओं के बारे में दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है. सरवर चिश्ती ने जैन भिक्षुओं के बिना वस्त्रों के अढ़ाई दिन का झोपड़ा स्मारक में जाने पर आपत्ति जताते हुए एक आडियो बयान जारी किया था.
विश्व हिंदू परिषद के नेताओं और जैन भिक्षुओं का एक समूह मंगलवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के नियंत्रण वाले स्मारक अढ़ाई दिन का झोंपड़ा पहुंचा था. यहां उन्होंने दावा किया कि यह स्मारक पहले संस्कृत विद्यालय था और विद्यालय से पहले उस जगह जैन मंदिर था. सुनील सागर महाराज के नेतृत्व में जैन भिक्षु फवारा सर्किल से दरगाह बाजार होते हुए स्मारक पहुंचे थे.
उनके अनुसार अढ़ाई दिन का झोंपड़ा पहले संस्कृत विद्यालय था और उससे भी पहले यह एक जैन मंदिर था. जैन भिक्षुओं के बयान के बाद सरवर चिश्ती का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर सामने आया. इसमें उन्होंने कहा कि जैन भिक्षुओं के बिना वस्त्रों के इस स्मारक में जाने पर उन्होंने पुलिस में अपना शिकायत दर्ज कराई है.
वहीं अब सरवर चिश्ती के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वासुदेव देवनानी ने कहा कि सरवर चिश्ती ने जैन मुनियों पर टिप्पणी कर सनातन संस्कृति का अपमान किया है. उन्हें पूरे सनातन समाज से माफी मांगनी चाहिए. देवनानी ने कहा कि जैन मुनियों के खिलाफ चिश्ती का बयान बेहद घृणित, दुर्भाग्यपूर्ण और विकृत मानसिकता को दिखाता है. उन्होंने यह भी कहा कि अढ़ाई दिन का झोंपड़ा की सच्चाई जानने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पत्र लिखा जाएगा.
जैन संतों ने हमेशा अहिंसा पर जोर दिया- देवनानी
वासुदेव देवनानी ने कहा जैन संत जीवन भर वस्त्रहीन रहकर समाज को भक्ति और तपस्या से परिपूर्ण जीवन का संदेश देते हैं. जैन संतों ने हमेशा अहिंसा पर जोर दिया है. ऐसे में जैन संतों के पहनावे को लेकर सरवर चिश्ती की टिप्पणी पूरे जैन समाज और सनातन संस्कृति का अपमान है. उन्होंने कहा कि सनातनी इस तरह की मानसिकता को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
एएसआई की वेबसाइट के अनुसार यह स्मारक दिल्ली के पहले सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 1199 ईस्वी में बनवाई गई था. यह दिल्ली की कुतुब मीनार परिसर में बनी दूसरी मस्जिद के समकालीन है. हालांकि, विभाग ने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए परिसर के बरामदे में बड़ी संख्या में मंदिरों की मूर्तियां रखी हैं, जो लगभग 11वीं-12वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान इसके आसपास एक हिंदू मंदिर के अस्तित्व को दर्शाती हैं. यहां ढाई दिनों तक मेला लगता था, जिसके कारण ही शायद मंदिरों के खंडित अवशेषों से निर्मित इस मस्जिद को अढाई दिन का झोंपड़ा के नाम से जाना जाता है.
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