Rajasthan: 'सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए...', विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का विपक्ष पर हमला
Kota News: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने कोटा में कहा कि संविधान मजबूत है. इसे कमजोर बताना लोकप्रियता के लिए है. उन्होंने विधायकों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जल्द जवाब दिए जाने पर जोर दिया.
Vasudev Devnani On Kota Tour: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी एक दिवसीय कोटा प्रवास पर रविवार (7) को कोटा आए और उन्होंने कई कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा की बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर द्वारा निर्मित संविधान की जड़ें बहुत मजबूत है. जो भी संविधान खतरे में हैं ऐसी बाते करते है वो सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए करते है. यह सिर्फ मौखिक जमा खर्च जैसी बाते है.
विधानसभा में विधायकों द्वारा उठाए गए प्रश्नों के जवाब समय पर मिले, इस विषय पर वासुदेव देवनानी ने कहा की पिछले कार्यकाल में पांच हजार प्रश्न पेंडिंग पड़े थें, कारण समय पर जवाब नहीं मिलना. हमने ब्यूरोक्रेट्स के साथ बैठक करके यह निर्देश दिए है कि विधानसभा में विधायकगण आमजन से जुडेÞ विषयों को लेकर जो भी प्रश्न उठाते है उनको जल्द से जल्द जवाब मिले, ताकि आमजन से जुड़ी समस्याओं का समाधान समय पर हो सके. इसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे है.
विद्या भारती शिक्षा संस्थान, कोटा के प्रतिभा सम्मान समारोह में सम्मिलित होकर प्रतिभाओं को पुरुस्कृत किया।
— Vasudev Devnani (@VasudevDevnani) July 7, 2024
युवा पीढ़ी को भारतीय मूल्यों एवं संस्कृति के अनुरूप शिक्षित करने हेतु समर्पित विद्या भारती संस्थान सदैव अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की संकल्पना को सिद्ध करता रहे।… pic.twitter.com/EzRZzaD9G5
देश के लिए जीने का भाव मन में होना चाहिए
वहीं दूसरी और विद्या भारती शिक्षण संस्थान के एक कार्यक्रम में देवनानी ने कहा कि भारत सबसे प्राचीन राष्ट्र है. इसी आधार पर भारत को विश्व का नेतृत्व करने का अवसर मिलता रहा है. भारत पहले भी विश्व गुरु था और आज भी विश्व गुरु है. भारत को फिर से विकसित भारत बनाने के लिए हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली और शिक्षक परंपरा को जीवित करना होगा.आज ऐसे नागरिक की जरूरत है जो राष्ट्र को सबसे पहले, फिर समाज और सबसे अंत में स्वयं को माने.
राष्ट्रवाद के बीज का रोपण करने से संकल्प पूरा होगा पूरा
भारत को देश के लिए जीने का भाव रखने वाले नागरिक चाहिए. आज जातिवाद, अलगाववाद, आतंकवाद के युग में संस्कार युक्त नागरिक ही इन समस्याओं से लड़ सकेगा. नई शिक्षा नीति संस्कार युक्त शिक्षा पर जोर दे रही है. रोजगार परक शिक्षा को महत्व मिल रहा है. तरक्की करने के बाद समाज की सेवा का भाव मन में होना चाहिए. अच्छे पुल और सड़कें बनाने मात्र से भारत विकसित नहीं होगा, बल्कि अच्छे संस्कार और राष्ट्रवाद के बीज का रोपण करने से विकसित भारत का संकल्प पूरा हो सकेगा.
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