Theft in Wedding: 'बैंड बाजा बारात' गैंग के गुर्गे नकली मेहमान बनकर शादियों में पहुंचते हैं और मौका देखते ही पल भर में माल पर हाथ साफ कर देते हैं. शादी में परिवार वाले इधर काम में व्यस्त हुए और उधर माल पल भर में चोरी हो जाता है.
शादियों के सीजन के बीच गुरुवार को राजस्थान के दो शहरों में चोरी की वारदात की खबर सामने आई है. जहां बदमाशों ने शादियों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया और गहने व कैश से भरा बैग लेकर फरार हो गए. अब पुलिस मामले में तफ्तीश करने के लिए मैरिज हॉल में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरों की तलाश में जुट गई है.
सगाई से पहले 13 लाख के गहने चोरी
राजधानी जयपुर (Jaipur) में हाइवे स्थित मिरेकल मैरिज गार्डन में झोटवाड़ा निवासी श्रवण चौधरी के बेटे की सगाई समारोह का प्रोग्राम हो रहा था. इस दौरान स्टेज पर जाने के लिए उनकी बेटी हाथ में लगा बैग रिश्तेदार महिला के पास रखकर चली गई.
तभी दो बदमाश आए और नजर बचाकर कुर्सी के पास रखा बैग चुराकर ले गए. कुछ देर बाद जब लड़की लौटी तो बैग चोरी होने का पता चला. गहने-कैश का बैग चोरी की सूचना पर हरमाड़ा थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की. पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, बैग में 13 लाख रुपए के गहने और 8 हजार रुपए रखे थे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर फरार चोरों की तलाश जारी है.
मायरा भरने से पहले लाखों की चोरी
ब्यावर के राधा कुंज गार्डन में शादी के बीच हल्दी की रस्म के दौरान एक चोर गहनों और कैश से भरा बैग लेकर फरार हो गए. पंडित सुरेश वैष्णव अपने भांजे की शादी के लिए मायरा भरने आए थे. वैष्णव विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष भी है.
शादी में चोरी की सूचना पाकर पुलिस मौके पर मैरिज गार्डन पहुंची और परिवार वालों से वारदात की जानकारी लेने के बाद सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. फुटेज देखने पर पता चला कि एक चोर बैग चुराकर भागता दिख रहा है. धर्मीचंद वैष्णव की ओर से दी शिकायत के अनुसार बैग में 15 तोला सोने के आभूषण और 5 लाख रुपये कैश थे. ब्यावर में चोरी की ऐसी वारदात केसरी नंदन गार्डन में सीताराम शर्मा नामक शख्स के पुत्र की शादी में भी हुई थी.
चोरी में नाबालिगों का इस्तेमाल
गुरुवार के दिन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बैंड बाजा बारात गैंग का पर्दाफाश किया है. ये गैंग शादियों में चोरी करने के लिए काफी मशहूर थी. ये गैंग शादियों में चोरी करने के लिए महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल करती थी.
क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर संजय भाटिया ने कहा कि गैंग के लोग महिलाओं और बच्चों को चोरी करने के लिए इस्तेमाल करते थे बाकायदा उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती थी. गैंग पहले शादी में परिवार वालों की पहचान करती और इसके बाद ऐसे बैग को टारगेट करती जिसमें कैश या जेवरात रखा हो. बैग चोरी करने के बाद इसे फौरन दूसरे सदस्यों को पास किया जाता. यह बैग तीन से चार लोगों के जरिए रेलवे स्टेशन तक पहुंचता और वहां से ट्रेन के जरिए गांव भेज दिया जाता.
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