Rajasthan Bar Council Election 2023: राजस्थान बार काउंसिल की ओर से पूरे राज्य के सभी बार संघों में एक ही दिन चुनाव कराने का आदेश दिया था. बार संघों ने बार काउंसिल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया था. हालांकि बार संघों की ओर से पेश एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. राजस्थान के कुछ बार संघों ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए तर्क दिया कि उनकी बातों को सुनने का मौका ही नहीं दिया गया. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि आप दोबारा हाईकोर्ट में जाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने वहां रिव्यू याचिका पेश करने के निर्देश देते हुए एसएलपी को निस्तारित कर दिया है. कपिल प्रकाश माथुर वॉइस चेयरमेन बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने कहा कि "प्रदेश के सभी अधिवक्ताओं को बधाई देता हूं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई एसएलपी निस्तारित हो चुकी है. इसके बाद राजस्थान में बार एसोसिएशन के चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट, राजस्थान हाईकोर्ट और बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के तहत सभी अधिवक्ताओं से अपील करता हूं कि उनके आदेश अनुसार सभी बार संघ 8 दिसंबर को अपना चुनाव करवायें. काउंसिल ऑफ राजस्थान ने फैसला किया है कि 8 दिसंबर को अधिवक्ता मतदान दिवस के रूप में मनाया जाए. बार एसोसिएशन के चुनाव में सभी अधिवक्ता बढ़-चढ़कर भाग ले और इसको सफल बनाएं.
8 दिसंबर को होगा बार काउंसिल का चुनाव
बार काउंसिल ऑफ राजस्थान चैयरमेन पी.आर. सिंगारिया ने बताया कि 8 दिसंबर को होने वाले बार एसोसिएशन के चुनाव को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी, उसका निस्तारण हो गया है. साथी अधिवक्ताओं के द्वारा चुनाव का कार्यकाल पूरा नहीं होने को लेकर आपत्ति जताई थी, लेकिन अब एसएलपी के निस्तारण के बाद 8 दिसंबर को बार एसोसिएशन के चुनाव होना तय है. बार काउंसिल ऑफ राजस्थान और राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ, राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन जोधपुर कोटा और अन्य बार संघों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हए क्या कहा?
इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अजय सिंह ने पैरवी करते हुए बताया कि "राजस्थान के अलग-अलग बार संघों के चुनाव एक ही दिन 8 दिसंबर को करवाने के आदेश जारी किए गए थे, जबकि कई बार संघों का कार्यकाल अभी तक पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में जहां कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, वहां चुनाव कैसे हो सकते हैं." उन्होंने कहा कि "चुनाव के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन उनका पक्ष नहीं सुना गया." इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि आपकी जो भी व्यथा है, वो आप राजस्थान हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन पेश कर वहीं पर मॉडिफाई करवाएं.
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