Rajasthan News: राजस्थान के कोटा (Kota) में राधाकृष्ण मंदिर समिति और विश्वमित्र जनसेवा समिति द्वारा राधाकृष्ण मंदिर प्रांगण तलवंडी पर श्रीमद् भागवत कथा भक्तिरस का आयोजन किया जाएगा. कथा नेत्रहीन छात्राओं की पढ़ाई और सर्वांगीण विकास के लिए आयोजित होगी. यह कथा कथाव्यास राष्ट्रीय संत डॉ. कृष्णानंद गुरुदेव द्वारा कही जाएगी. राधाकृष्ण मंदिर समिति के अध्यक्ष गोविंदनारायण अग्रवाल और महामंत्री जितेंद्र गोयल ने बताया कि कथा और विभिन्न प्रकार के दान पुण्य से मिलने वाले रुपये नेत्रहीन बालिकाओं की पढ़ाई और उनके व्यक्तित्व विकास पर खर्च किए जाएंगे.
नेत्रहीन बालिकाओं के लिए अजमेर में संचालित ‘‘लाडली घर’’ के संचालन के लिए यह राशि दान की जाएगी. इस आयोजन के तहत नेत्रहीन छात्राएं ब्रेललिपि से सुंदरकांड का पाठ करेंगी. डॉ. कृष्णानंद गुरुदेव ने बताया कि नेत्रहीन बालिकाएं देख नहीं सकती हैं. उन्हें शिक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. यह धार्मिक कथा न होकर सेवा की कथा है. कथा में मौजूद नेत्रहीन बालिकाओं को देखकर उनकी समस्या को महसूस किया जा सकता है.
लाड़ली घर की दो छात्राएं पैरालंपिक में जीतीं गोल्ड
डॉ. कृष्णानंद गुरुजी ने बताया कि विश्वमित्र जनसेवा समिति का आश्रम पुष्कर में है. समिति द्वारा अजमेर में विश्वमित्र दृष्टिबाधित कन्या शिक्षण संस्थान और छात्रावास ‘लाड़ली घर’ संचालित किया जा रहा है, जिसमें 35 नेत्रहीन छात्राओं को पढ़ाया जाता है. यह प्रदेश का पहला नेत्रहीन गर्ल्स हॉस्टल है. इस हॉस्टल से तीन छात्राओं ने पैरालंपिक में गोल्ड मेडल भी जीते हैं.
दूसरे राज्यों से भी छात्राएं आती हैं पढ़ने
लाड़ली घर की दो छात्राएं राजकीय सावित्री महाविद्यालय अजमेर में स्नातक की शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. यहां पर मध्य प्रदेश, बिहार, असम से भी नेत्रहीन छात्राएं पढ़ने के लिए आ रही हैं. उन्होंने बताया कि हॉस्टल में 100 छात्राओं को प्रवेश दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है. अन्य नेत्रहीन छात्राएं भी लाडली घर से जुड़कर शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं.