Bundi Bharat Jodo Yatra News: बूंदी जिले के अरनेठा से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा का रविवार को भी भव्य स्वागत हुआ. जगह-जगह लोग राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के दीदार को आतुर दिखे, पद यात्रियों ने लबान में लंच ब्रेक किया. रास्ते में राहुल गांधी ने कोटा खुर्द मे किया चाय-नाश्ता किया. यहां राहुल गांधी ने पूर्व जिला प्रमुख महावीर मीणा द्वारा लाई गई बैलगाड़ी में बैठकर कुछ दूरी तक चले. उन्होंने बैलगाड़ी भी चलाई. इस बैलगाड़ी को सजाया गया था. इस दृश्य को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी हालांकि कुछ देर बाद ही राहुल गांधी पदयात्रा करने लगे. इस दौरान लाखेरी रेलवे स्टेशन के पास नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. 12 दिसंबर को राहुल गांधी के साथ हजारों की संख्या में महिलाएं भाग लेंगी, उर्मिला जैन भाया को भी हजारों महिलाओं के साथ भाग लेने की जिम्मेदारी दी गई.
 
आज राहुल गांधी का रणथंभौर आने का है कार्यक्रम


जानकारी के अनुसार राहुल गांधी यहां से सीधे हिमाचल प्रदेश गए और वहां से शाम वापस रणथम्भौर आने का कार्यक्रम है. राहुल गांधी रात्रि विश्राम भी यहीं करेंगे. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी रणथंभौर में ही मौजूद हैं. ऐसे में सोमवार को सुबह आजादपुरा से पुन: शुरू भारत जोड़ो यात्रा को शुरू किया जाएगा. भारत जोड़ो यात्रा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, नमो नारायण मीणा, सचिन पायलट, दिग्विजय सिंह, दिव्या मदेरणा, उर्मिला जैन भाया, राकेश बोयत, सरोज मीणा समेत हजारों की संख्या में आमजन और कार्यकर्ता साथ रहे.


मिलना चाहते थे किसान लेकिन नहीं मिल सके


राहुल गांधी से यात्रा के दौरान कई किसान खाद, बीज, फसल बीमा से लेकर कर्ज माफी के मुद्दे पर मिलना चाह रहे थे, लेकिन मुलाकात नहीं हुई. दूर से ही राहुल गांधी से हाय-हेलो हो पाया. इन किसानों ने कहा कि वह गुडली ओवर ब्रिज से पैदल ही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे और आड़ा गेला बालाजी तक साथ चले, लेकिन पैरों ने साथ नहीं दिया, इसलिए वे वापस लौट गए. वहीं किसानों से जब पूछा गया कि वह किन मुद्दों को लेकर राहुल गांधी से मिलना चाह रहे थे. तब उन्होंने कहा कि खराब सड़कें, गरीबों के कच्चे मकान हैं इसके संबंध में उनसे मिलना चाहते थे. किसानों का कहना है कि पक्के मकान के लिए बड़े लोगों को ही पैसा मिल रहा है, जो ज्यादा पैसे वाले हैं, उनकी फाइलें जल्दी पास हो जाती हैं. किसानों इन्हीं मुद्दों के साथ राहुल गांधी से मिलना चाहते थे, लेकिन किसानों की उनसे मुलाकत नहीं हो पाई.


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