Rajasthan News: 2,205 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ भारतमाला हाइवे, बॉर्डर क्षेत्र के 1,000 से अधिक गांवों को मिलेगी सुविधा
Rajasthan News: 460 किमी लंबे इस हाइवे को ऐसे बनाया गया है कि युद्ध जैसे हालातों में इस पर फाइटर प्लेन भी उतारे जा सकते हैं. बॉर्डर से सटे गांवों में इस तरह के हाइवे का निर्माण पहली बार हुआ है.
Jaipur News: पश्चिमी राजस्थान (Western Rajasthan) के रेगिस्तानी धोरों (Desert Areas) से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. अब रेगिस्तानी धोरों के बीच चमचमाता हुआ भारतमाला हाईवे (Bharatmala Highway) बनकर तैयार हो चुका है जो जैसलमेर (Jaisalmer) के तनोट (Tanot) से सीधे गुजरात (Gujarat) को जोड़ता है. राजस्थान (Rajasthan) में भारत-पाक सीमा पर बसे अंतिम गांव जहां अब तक पगडंडी की तरह टूटी-फूटी सड़कें तक मुश्किल थी, अब वहां चमचमाता हाइवे नजर आ रहा है. बॉर्डर के अंतिम 1000 से अधिक गांवों को जोड़ने वाला यह 460 किमी लंबा हाइवे 2205 करोड़ की लागत से बना है.
राजस्थान की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा भारतमाला हाईवे
इस हाइवे पर फाइटर प्लेन भी उतर चुके हैं. बाड़मेर-जालोर के गांधव से लेकर सेड़वा, बाखासर, रामसर, मुनाबाव, सुंदरा, सम होते हुए जैसलमेर के सबसे बड़े शक्तिपीठ तनोटराय मंदिर तक बना यह टू लेन हाइवे राजस्थान की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है. इस हाइवे के बनने से यात्रियों को काफी आसानी हो गई है.
युद्ध जैसे हालातों में उतारे जा सकते हैं फाइटर प्लेन
रेतीले धोरों को काटकर बनाया गया यह हाइवे सरहदी गांवों की भी खूबसूरती बढ़ा रहा है. बॉर्डर से सटे गांवों में इस तरह के हाइवे का निर्माण पहली बार हुआ है. गांधव से बाखासर होते हुए गागरिया तक 196 किमी. लंबे इस हाइवे के निर्माण पर 765 करोड रुपए और मुनाबाव से तनोट तक 274 किमी. लंबे हाइवे पर 1440 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. यह हाइवे आमजन के अलावा सैन्य सुविधा के लिए महत्वपूर्ण है. युद्ध जैसे हालातों में इस हाइवे पर फाइटर प्लेन तक उतारे जा सकते हैं
यह भी पढ़ें:
Bhilwara News: राजस्व मंत्री ने गांवों में किया जनसंपर्क, गिनाई गहलोत सरकार की उपलब्धियां
Fish Farming: मछली पालन करने पर सरकार देगी लागत का 60 प्रतिशत अनुदान, जानिए कैसे करें अप्लाई