Jat community Shouted For Reservation: राजस्थान में बीजेपी सरकार के साथ ही भरतपुर जिले के रहने वाले भजन लाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद भरतपुर और धौलपुर के जाटों ने केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग के लिए हुंकार भर दी है. आरक्षण की मांग के लिए आज भरतपुर - धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित हुई उसके बाद  उन्होंने पत्रकार वार्ता करते हुए आरक्षण की मांग जल्दी ही पूरी नहीं होने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी जारी कर दी है. 

भरतपुर - धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया है कि भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में आरक्षण की मांग 1998 से चली आ रही है. वर्ष  2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने भरतपुर धौलपुर जिलों के साथ अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था. लेकिन जब 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर - धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया था. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 23 अगस्त 2017 को राज्य में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया गया लेकिन केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग हमारी तभी से जारी है. 

केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था
सितंबर 2021 को जब जाटों ने चक्का जाम का ऐलान किया था तब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था. उसके बाद हम लोग दिल्ली ओबीसी कमीशन से भी मिले और केंद्र सरकार के मंत्री से भी मुलाकात की थी, लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया है.

25 दिसंबर को बड़ी सभा का आयोजन किया जाएगा
अब राजस्थान में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई है और केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है,  इसके साथ ही सौभाग्य की बात यह है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं. इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि बगैर संघर्ष के ही हमारे लिए आरक्षण दिया जाए.  आज भरतपुर - धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बैठक आयोजित की. बैठक में निर्णय लिया गया है की कल से ही पीले चावल देकर निमंत्रण देना शुरू किया जायेगा, 25 दिसंबर को महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस पर जगह - जगह नुक्कड़ सभाये आयोजित की जाएगी और फिर एक बड़ी सभा का आयोजन किया जाएगा. जिसमें आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी. यदि केंद्र सरकार ने समय रहते आरक्षण नहीं दिया तो न केवल लोकसभा में जाट बीजेपी के खिलाफ खड़े होंगे बल्कि आंदोलन शुरू करेंगे.  गौरतलब है की राजस्थान में भरतपुर और धौलपुर को छोड़कर बाकि के सभी जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी में आरक्षण प्राप्त है इसलिए यहां के जाट काफी समय से केंद्र में ओबीसी के आरक्षण की मांग कर रहे है.

क्या  कहना है आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक का 
भरतपुर -धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति  के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा है की आज संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई है राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र की सर्विस के लिए केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण नहीं है.  राजस्थान के मात्र दो जिलों के बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है इसको न्याय दिलाने के लिए संघर्ष समिति की बैठक हुई है. 7 जनवरी को जनूथर में एक बड़ी हुंकार सभा का आयोजन किया जाएगा.


नेम सिंह फौजदार ने कहा कि अब हमें उम्मीद है की राजस्थान के मुख्यमंत्री भरतपुर जिले के है और भरतपुर की परिस्थितियों से परिचित भी है, केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है और राज्य में भी बीजेपी की सरकार बन गई है. अगर अभी हमारे बच्चों को न्याय नहीं मिला तो 7 जनवरी को बड़ी हुंकार सभा में आंदोलन की रणनीति का ऐलान करेंगे.  रोड शो भी रोकेंगे और रेल भी रोकेंगे, सरकार जो चाहे करे अगर जेल भरे तो जेल भरेंगे और अगर मुकदमे लगाए तो मुकदमे झेलने को भी तैयार है.


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