(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Special Food: राजस्थान का वो शहर जहां हर दिन सुबह नाश्ते में मिलती है कचौड़ी, स्वाद के फैन हैं लोग
Rahasthan News: भरतपुर शहर में लगभग 150 दुकानों और ढकेलों पर हर रोज कचौड़ी का नाश्ता तैयार कर बेचा जाता है. कचौड़ी की बिक्री से भरतपुर में प्रतिदिन 15 से 20 लाख का व्यापार होता है.
Bharatpur News: राजस्थान (Rajasthan) का भरतपुर (Bharatpur) शहर, जहां कचौड़ियों (kachoris) को लेकर लोगों की दीवानगी देखते ही बनती है. एक बार को तो आप इस बात पर यकीन ही नहीं कर पाएंगे कि भरतपुर के लोग हर रोज सुबह के नाश्ते में लगभग 15 से 20 लाख की कचौड़ियां खा जाते हैं. शहर में कचौड़ियों का व्यापार खूब फल-फूल रहा है. सुबह-सुबह यहां आपको हर कोने पर कचौड़ी की ढकेल देखने को मिल जाएगी और हर ढकेल पर लोगों की भारी भीड़ भी. हरी मिर्च, आलू की सब्जी, बूंदी के रायते के साथ सुबह के नाश्ते में गरमागरम खस्ता कचौड़ी खाने का जो मजा भरतपुर में है वह शायद दुनिया के किसी भी कोने में नहीं मिल सकता.
यार-दोस्त हो या रिश्तेदार सभी को कराया जाता है कचौड़ी का नाश्ता
भरतपुर शहर के बारे में कहा जाता है कि यहां हर घर में बाहर से आने वाले रिश्तेदार, यार-दोस्त सभी को कचौड़ी और जलेबी का ही नाश्ता कराया जाता है. सुबह से ही कचौड़ी की दुकानों पर खाने और पैक कराने वालों की भीड़ लग जाती है.
सभी कचौड़ी बेचने वालों का अलग-अलग स्वाद
भरतपुर शहर में लगभग 150 दुकानों और ढकेलों पर कचौड़ी का नाश्ता तैयार कर बेचा जाता है. मजे की बात ये है कि हर दुकान और ठेले पर कचौड़ी का अपना ही अलग स्वाद होता है. वैसे तो कचौड़ी के साथ आम तौर पर आलू की सब्जी दी जाती है, लेकिन लोगों की डिमांड के अनुसार भी इसमें समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है. वहीं कचौड़ी की वैरायटी की बात करें तो प्रत्येक दुकान पर आलू, दाल और प्याज की कचौड़ी मिलती हैं.
देवी कचौड़ी वालों की कचौड़ी न खाई तो क्या खाया
भरतपुर के चौबुर्जा बाजार में देवी कचौड़ी वालों की दुकान की कचौड़ी का अपना ही अलग स्वाद है. दुकान पर दोपहर तीन बजे तक कचौड़ी खाने वालों की और पैकिंग कराकर ले जाने वालों की लाइन लगी रहती है. देवी राम की कचौड़ी अपने साइज, सब्जी के रूप में आलू की कढ़ी के साथ लाल मिर्च की चटनी के लिए जानी जाती हैं. इसके अलावा भरतपुर में कई कचौड़ी वालों की दुकान लोगों के बीच खासी प्रसिद्ध हैं. छुट्टी के दिन बच्चे घर पर स्पेशल नाश्ते की मांग करते हैं तो उन्हें जलेबी और कचौड़ी का ही नाश्ता दिया जाता है.
सुबह 4 बजे से ही शुरू हो जाता है तरकारी बनाने का काम
क्योंकि भरतपुर में लोग कचौड़ियों का ही नाश्ता करते हैं, इसलिए दुकानदारों को भी समय से भी सब कुछ तैयार करना पड़ता है. दुकानदार सुबह चार बजे से ही सब्जी बनाने का काम शुरू कर देते हैं. सब्जी बनने के बाद उनका लगभग आधा काम पूरा हो जाता है. इसके बाद जैसे-जैसे ग्राहक आते जाते है, उन्हें गरमागरम सब्जी और गरमागरम कचौड़ी परोसी जाती है.
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