Bharatpur - Dholpur Demanding OBC Reservation: राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज को केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज में आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. विगत कुछ दिन पहले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार के नेतृत्व में संघर्ष समिति के सदस्यों की बैठक बुलाई गई. 



संघर्ष समिति द्वारा बैठक में लिए निर्णय के अनुसार 7 जनवरी को डीग जिले के जनूथर में जाट समाज द्वारा हुंकार महासभा का आयोजन किया जा रहा है. हुंकार महासभा में अन्य राज्यों की जाट सरदारी को भी निमंत्रण देकर बुलाया जा रहा है. हुंकार महासभा में जाट सरदारी आंदोलन की घोषणा करेगी.  भरतपुर - धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आयोजित की जा रही  हुंकार महासभा में लगभग 1 लाख जाट सरदारी के लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है. 

25 वर्ष से चली आ रही है भरतपुर धौलपुर के जाटों की आरक्षण की मांग 
गौरतलब है कि भरतपुर और धौलपुर की जाटों की आरक्षण की मांग वर्ष 1998 से चली आ रही है. वर्ष 2013 में केंद्र में मनमोहन की सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों सहित अन्य नौ राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था. लेकिन वर्ष 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेते हुए 10 अगस्त 2015 को भरतपुर और धौलपुर की जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया था.

अभी तक नहीं दिया गया केंद्र में आरक्षण
आरक्षण की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 3 अगस्त 2017 को प्रदेश के दोनों जिलों भरतपुर और धौलपुर के जाटों को प्रदेश में ओबीसी को आरक्षण का लाभ मिला, लेकिन केंद्र में भरतपुर- धौलपुर के जाटों को आज भी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है.  सितंबर 2021 को जब जाटों ने चक्का जाम का ऐलान किया था तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था . लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया है . 

भरतपुर धौलपुर के जाट आरक्षण के लिए भर रहे हुंकार
विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भरतपुर और धौलपुर के जाट समुदाय द्वारा केंद्र में भी ओबीसी में आरक्षण की मांग को लेकर हुंकार भरी जा रही है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा हुंकार महासभा का आयोजन किया जा रहा है. हुंकार महासभा में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.

गांव - गांव जाकर दे रहे पीले चावल 
भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार द्वारा जाट समाज की सरदारी को गांव- गांव जाकर पीले चावल देकर हुंकार महासभा में आने का निमंत्रण दिया जा रहा है. 7 जनवरी को आयोजित होने वाली महापंचायत में आरक्षण के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. नेम सिंह फौजदार ने बिलौठी, बरौली, बेढम, दांतलौठी, बहज जाटौली, महमदपुर, पहलवाड़ा, ककड़ा सहित कई गांव में जाकर जाट सरदारी को दिए पीले चावल और हुंकार महासभा में आने का दिया निमंत्रण. 

क्यों दिये है पीले चावल?
पूर्वी राजस्थान में रियासत काल से ही निमंत्रण देने के लिए पीले चावल देने की परंपरा चली आ रही है. गांव में अब भी अगर किसी की शादी होती है तो बारात में चलने के लिए पीले चावल देकर बारात में चलने का निमंत्रण दिया जाता है. उसी परम्परा के अनुसार कोई भी ऐसा काम होता है जिसमे लोगों को बुलाना पड़े तो पीले चावल देकर ही निमंत्रण दिया जाता है. भरतपुर - धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति भी उसी परम्परा के अनुसार गांव - गांव जाकर पीले चावल देकर हुंकार महासभा में आने का निमंत्रण दे रहे है. 

क्या कहना है संयोजक नेम सिंह फौजदार का
भरतपुर - धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया है कि केंद्र में राजस्थान के भरतपुर - धौलपुर के जाटों को छोड़कर सभी जाटों को ओबीसी के आरक्षण का लाभ मिल रहा है. यह भरतपुर - धौलपुर के जाटों के साथ सरासर अन्याय है. भरतपुर - धौलपुर के  जाटों की आरक्षण की मांग काफी पुरानी है. अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी भरतपुर के रहने वाले हैं.  इसलिए उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही केंद्र में भी भरतपुर और धौलपुर के जाटों को ओबीसी के आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा.

फौजदार ने कहा कि अगर शीघ्र ही भरतपुर और धौलपुर के जाटों को आरक्षण का लाभ केंद्र सरकार द्वारा नहीं दिया जाता है तो 7 जनवरी को एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा जाट समाज की सरदारी को महापंचायत में आने के लिए पीले चावल देकर निमंत्रण दिया जा रहा है. 7 जनवरी को होने वाली महापंचायत में आंदोलन की रणनीति समस्त सरदारी द्वारा तय की जाएगी जिसमें रेल रोक सकते हैं और सड़क भी जाम कर सकते हैं. 


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