Bharatpur News: पानी की किल्लत को लेकर किसानों का प्रदर्शन, उप जिला कलेक्टर से की ये मांग
राजस्थान में पूर्वी इलाके के 13 जिलों में पानी की किल्लत से किसानों के लिए काफी परेशानी है. इस वजह से किसानों ने भरतपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पर शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया.
Rajasthan Water Crisis: पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पानी की काफी किल्लत है. इस समस्या को खत्म करने के लिए ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करवाने की मांग को लेकर किसानों ने आज शनिवार को भरतपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम उप जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा. किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही किसानों ने पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के विकास के लिए इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करवाने के लिए मांग की.
बता दें कि मध्य प्रदेश से निकलने वाली नदियों से राजस्थान को पानी देने की पहल की जा रही है. यह पानी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में ईस्टर्न कैनाल के जरिए आएगा, मगर यह तभी संभव हो पाएगा जब ईस्टर्न कैनल को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल कर लिया जाए. इस मुद्दे को लेकर राजस्थान में सियासत भी गरमा रही है, राजस्थान के रहने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत जो केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं उन पर कांग्रेस सरकार आरोप लगा रही है कि बीजेपी सरकार ईस्टर्न कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल नहीं कर रही है. वहीं कांग्रेस के इस आरोप पर बीजेपी का कहना है कि जो लिखित प्रक्रिया कांग्रेस सरकार को करनी चाहिए वो पूरी नहीं कर रही है.
'पीएम नरेंद्र मोदी ने भी किया था वादा'
किसानों ने इस प्रदर्शन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव में घोषणा की थी की केंद्र में हमारी सरकार आएगी तो पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल कर किसानों को हो रही पानी की किल्लत को खत्म किया जायेगा. हालांकि केंद्र में बीजेपी की सरकार तो बन गई लेकिन ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल नहीं किया गया है.
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बरसात के पानी पर निर्भर है पूर्वी राजस्थान का किसान
पूर्वी राजस्थान में किसानों को सिंचाई के लिए बरसात पर ही निर्भर रहना पड़ता है. क्योंकि या तो पानी का श्रोत बहुत नीचे है या फिर पानी खारी है जो फसल की सिंचाई के लिए सही नहीं है. अगर बरसात नहीं होती तो फिर किसान फसल पैदा नहीं कर सकता अगर ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रिय परियोजना में शामिल कर इसे पूरा किया जाये तो पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पीने के लिए और सिंचाई के लिये पानी की किल्लत नहीं होगी.
भरतपुर के किसान समय-समय पर यमुना जल के लिए भी आंदोलन करते रहे है लेकिन किसानो की मांग पर किसी सरकार ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है. अब किसान ईस्टर्न कैनाल के लिए आंदोलन करने को मजबूर हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि ईस्टर्न कैनल को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल होना चाहिए जिससे यहां के किसानों को पानी मिल सके. अपनी मांग को लेकर हमने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.