Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूर्ण बहुमत मिला है. ऐसे में भरतपुर (Bharatpur) जिले की बात करें तो, यहां कांग्रेस (Congress) का सूपड़ा साफ हो गया है. भरतपुर जिले की सात विधानसभा सीट में से पांच सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की जीत हुई है. एक सीट पर बीजेपी के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई है, तो एक सीट पर कांग्रेस गठबंधन के तहत राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी की जीत हुई है.
पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग से साल 2018 में बीजेपी का सूपड़ा साफ हुआ था, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भरतपुर जिले के चार विधायकों को मंत्री बनाकर भरतपुर की जनता को खुश किया था. कांग्रेस ने भरतपुर जिले के दो विधायकों को कैबिनेट मंत्री और दो विधायकों को राज्यमंत्री बनाया था. अब 2023 के विधानसभा चुनाव में भरतपुर जिले की जनता ने जिले में कांग्रेस के 4-4 मंत्री होते हुए भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है. ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी के मुखिया और प्रधानमंत्री मोदी ने भरतपुर के भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर भरतपुर के लोगों की मुराद पूरी कर दी है.
भरतपुर को 43 साल बाद मिला मुख्यमंत्री पद
भरतपुर जिले के व्यक्ति को 43 साल पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कांग्रेस ने बैठाया था. साल 1980 में कांग्रेस ने जगन्नाथ पहाड़िया को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था. राजस्थान में 1980 में ही पहली बार दलित वर्ग के व्यक्ति को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली थी. जगन्नाथ पहाड़िया के बाद आज तक दलित वर्ग का कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठा है.
भरतपुर के लोगों ने बीजेपी का जताया आभार
जब से मुख्यमंत्री के लिए भजन लाल शर्मा के नाम की घोषणा हुई है, तभी से भरतपुर जिले में जश्न मनाया जा रहा है. जगह-जगह आतिशबाजी कर मिठाई बांटी जा रही है. सभी जगह अब एक ही चर्चा है कि भरतपुर जिले के किसान परिवार का बेटा मुख्यमंत्री बना है तो शहर का विकास होगा. सभी लोग भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को आभार व्यक्त कर रहे हैं कि उन्होंने भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है.
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