Bharatpur RBM Hospital Water Crisis: राजस्थान के भरतपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल आरबीएम में भर्ती मरीजों के साथ उनके परिजन भी काफी परेशान हैं. परेशानी की वजह यह है कि भीषण गर्मी और हीटवेव की वजह से पानी की कमी का संकट अस्पताल प्रशासन में सामने पैदा हो गया है. आरबीएम अस्पताल में पेयजल संकट की वजह से मरीज और उनके परिजन इधर-उधर भटक रहे हैं. प्रचंड गर्मी में बाजार से महंगा पानी बार-बार खरीदकर पीना पड़ रहा है.
आरबीएम अस्पताल की बिल्डिंग 6 मंजिल की है. तीसरी मंजिल से लेकर छठी मंजिल तक मरीजों को भर्ती करने के लिए वार्ड बनाए गए हैं. वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. अब तीसरी मंजिल से छठी मंजिल तक जितने भी मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं, उनको या उनके परिजनों को पीने के पानी के लिए नीचे अस्पताल से बाहर जाना पड़ता है.
अस्पताल के बाहर जो वाटर कूलर लगाए गए हैं, उनमे पानी नहीं आता है. मरीजों और उनके परिजनों को बाजार से महंगे दामों में पानी की बोतल खरीदकर पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है.
गौरतलब है की जिला आरबीएम अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर दो जगह वाटर कूलर लगे हुए हैं, लेकिन वाटर कूलर में पानी नहीं रहता है. यहां पर भर्ती मरीजों के लिए उनके परिजन ऊपरी मंजिल से नीचे पानी लेने के लिए आते हैं. वाटर कूलर में पानी नहीं आने पर बाजार से पानी की बोतल खरीद कर लोग खुद की और मरीजों की प्यास बुझाते हैं.
क्या कहतें है अस्पताल के सीएमएस
जिला अस्पताल आरबीएम के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. नागेन्द्र सिंह भदौरिया ने का पेयजल संकट को लेकर बताया कि अस्पताल की बिल्डिंग में कहीं भी कोई पानी का प्वाइंटृस नहीं बनाया गया है. वार्ड में पानी का प्वाइंट बनाने से गंदगी, इन्फेक्शन और स्लिप भी होने के चांसेंज ज्यादा रहते हैं. गर्मी के प्रकोप को देखते हुए हमने ग्राउंड पर दो वाटर कूलर नए लगवाए हैं. दानदाताओं के माध्यम से जगह चिन्हित कर और वाटर कूलर लगवाए जाएंगे. पानी की परेशानी को देखते हुए वार्ड में पानी के कैंपर की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. ताकि मरीजों और परिजनों को परेशानी न हो.
राजस्थान के भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में पेयजल संकट