Chauth 2023 Moonrise Today: राजस्थान के भरतपुर जिले में अपना घर आश्रम में रहने वाली लगभग 140 महिलाएं जिनको उनके पति या ससुराल पक्ष द्वारा ठुकराया जा चुका है. इसके बावजूद इन महिलाओं ने अपने पति की सलामती के लिए करवा चौथ का व्रत रखा. इन सभी का यही कहना है कि भला है बुरा है जैसा भी है मेरा पति मेरा देवता है. अपना घर आश्रम में रहने वाली महिलाएं आज सोलह श्रृंगार कर करवा चौथ के पूजन में जुटीं. अपना घर आश्रम की संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर माधुरी भारद्वाज की देखरेख में सभी महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत रखा.
अपना घर आश्रम में रहने वाली ऐसी कई महिलाओं से बात की तो उनका दर्द दिल से निकल कर जुबां पर आया और जिस पति ने शादी के समय सात फेरों के दौरान सात जन्म तक साथ निभाने का जो वादा किया था उसे उनके पति तो नहीं निभा पाए, लेकिन पत्नियां जरूर उस वादे को निभाने का प्रयास कर रही है. व्रत रख रही महिलाओं का कहना है की उनके पतियों ने हालांकि उनको ठुकरा दिया, लेकिन उनके पति जैसे भी है अच्छे है इसलिए वे अपने पतियों की लम्बी उम्र की कामना के लिए हर वर्ष करवा चौथ का व्रत रखती है.
दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर होना पड़ा
अपना घर आश्रम की लगभग 140 से अधिक महिलाएं है जो अपने पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही है. इन महिलाओं के पतियों ने दुःख दर्द के अलावा कुछ नहीं दिया और दर्द भी ऐसा की वह मानसिक कमजोरी का शिकार हो गई और उन्हें दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर होना पड़ा . किसी तरह यह सभी महिलाएं अपना घर आश्रम में पहुंच गई और अब यह सभी महिलाएं अपना घर आश्रम में रह रही है अपना घर आश्रम में चले इलाज से पूरी तरह स्वस्थ हैं लेकिन उनके पति आज भी उन्हें स्वीकार करने को तैयार नहीं है.
अपने पति की सलामती की दुआ मांगी
करवा चौथ की हर रस्म इन महिलाओं के आंसुओं से भीगी होती है और पति द्वारा दिए गए दर्द को ही उन्होंने अपनी जिंदगी बना लिया है .आज इन महिलाओं ने सजने-संवरने और मेहंदी की रस्म होने के बाद कहानी सुनी और करवा माता की पूजा कर अपने पति की सलामती की दुआ मांगी. इन महिलाओं में से कई ऐसी महिलाएं भी हैं जिनके पतियों ने दूसरी शादी कर ली है और कईयों को तो उनके पति तलाक भी दे चुके हैं लेकिन बावजूद इसके भी इन महिलाओं का समर्पण कम नहीं हुआ है.
क्या कहना है अपना घर आश्रम संचालिका का
अपना घर की संचालिका डॉक्टर माधुरी भारद्वाज का कहना है कि इन महिलाओं में संस्कार और समर्पण इतना है कि वह आज भी परंपरानुसार करवा चौथ का व्रत रखकर पति के दीर्घायु होने की कामना कर रही हैं.