Jaipur News: राजस्थान की राजनीति में नई सियासी रार छिड़ गई है. अशोक गहलोत सरकार के दौरान लागू की गयी योजनाओं की समीक्षा भजनलाल सरकार ने शुरु कर दी है, जिसे लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ गई है. अब इन्हीं मुद्दों को लेकर वार-पलटवार जारी है. रोचक बात यह है कि अशोक गहलोत सरकार ने नए जिलों और संभागों को बनाकर मास्टर स्ट्रोक खेला था.


वहीं, दो हजार से अधिक सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की तारीफ राहुल गांधी ने भी की थी. लेकिन नई सरकार आने के बाद अब भजनलाल सरकार ने इन सभी कामों की समीक्षा शुरू कर दी है. जिनपर अब एक्शन होने लगा है. लेकिन विपक्ष इसे लेकर आंदोलित हो उठा है. सरकार और भाजपा भी इसपर मोर्चा संभाले हुए है.


कांग्रेस को मिल गया मुद्दा


दरअसल, राजस्थान के उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद से राजस्थान में विपक्ष पूरी तरह से स्थिर हो गया था. लेकिन अब कांग्रेस खासे उत्साहित है. जहां पिछले दिनों भाजपा की भजनलाल सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने धरना भी दिया है. अब नए जिलों और संभागों के रद्द होने के बाद कांग्रेस ने सड़क पर उतरने की पूरी तैयारी कर ली है. नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष दोनों ने इस आंदोलन की बागडोर संभाल ली है.


नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार रंजिशन ये सारे काम कर रही है, जो बेहद गलत है.साथ ही कहा कि " हम चुप नहीं बैठेंगे,अब सरकार के ख़िलाफ आंदोलन होगा".


भाजपा इसे मान रही है समीक्षा


भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज का कहना है कि जो योजनाएं सिर्फ वोट लेने के लिए गलत तरीके से चल रही थी. उनकी ही समीक्षा कराई जा रही है. जो योजनाएं ठीक रही है वो अभी भी चल रही है. भारद्वाज ने कहा 'विपक्ष गलत आरोप लगा रहा है, सरकार अपना काम कर रही है. जिन योजनाओं में कोई दम नहीं है उन्हें लागू नहीं किया सकता है.'


कुछ भी नया नहीं 


राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश शर्मा का कहना है कि यह कुछ भी नया नहीं है. यहां पहले भी होता रहा है. भैरोसिंह शेखावत, अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे की सरकार में यह सब होता आया है. सरकार जाने के बाद और नई सरकार आने के बाद यहां पर थोड़ी हलचल होती है. 


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