Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार एक बार फिर से मीसा बंदियों की पेंशन शुरू करने जा रही है. 100 दिन की कार्य योजना में इसे शामिल किया गया है. लोकतंत्र रक्षा मंच राजस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष हनुमान शर्मा ने बताया कि मीसा बंदियों की पेंशन शुरू करना स्वागत योग्य कदम हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाते हुए आपातकाल में संघर्ष किया, जेल में रहे और कई यातनाएं सहीं. उन्हें अब सम्मान मिल रहा है.
हनुमान शर्मा ने कहा कि 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगाई गई थी. उसके बाद पूरे देश में इंदिरा गांधी के शासन का विरोध शुरू हो गया, उसके बाद जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में देशभर में आंदोलन चला. इस आंदोलन के तहत कोटा में भी सैकड़ो मीसा बंदी सड़कों पर आए और इंदिरा गांधी का पुतला जलाया. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की तानाशाही इतनी थी कि किसी भी आंदोलन में 151 तहत उन्हें बंद कर दिया जाता था, लेकिन जब उनकी जमानत होने लगी तो डीआईआर बना दिया गया. जिसमें गैर जमानती धाराएं शामिल थी और उसके बाद जमानत नहीं होती थी. हालांकि इसके बावजूद आंदोलनकारियों ने आंदोलन जारी रहा और जेल में रहे.
वसुंधरा सरकार ने शुरू की थी पेंशन
मीसा बंदियों के त्याग तपस्या का प्रतिफल साल 2003 में मिला, जब राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार बनी तब मीसा बंदियों के लिए 6000 रुपये प्रति माह सम्मान निधि के तौर पर जाने की घोषणा की गई. साथ ही 600 रुपये चिकित्सा सहायता भी दिए जाने की घोषणा की गई. हालांकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के गठन के बाद इस नियम को बंद कर दिया गया, लेकिन राजस्थान में दोबार वसुंधरा राजे की सरकार बनते ही मीसा बंदी पेंशन को फिर से लागू कर दिया गया. वसुंधार सरकार ने पेंशन की राशि 6000 से बढ़ाकर 12000 रुपये प्रतिमाह कर दिया, इसके साथ 1200 रुपये चिकित्सा सहायता दिए जाने का एलान किया.
'20 हजार प्रतिमाह कर दी गई पेंशन'
हनुमान शर्मा ने मुताबिक, राजस्थान से वसुंधरा सरकार के बाद कांग्रेस की अगुवाई वाली अशोक गहलोत सरकार आई. उन्होंने 7 महीने तक इस पेंशन को दिया, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से भजनलाल सरकार ने मीसा बंदियों को सम्मान दिया है और पेंशन 20 हजार रुपये प्रतिमाह कर दी.
'1100 से 1200 मीसा बंदियों को मिलेगा लाभ'
हनुमान शर्मा ने बताया कि अब भजनलाल सरकार एक बार फिर बनी है, जिसमें राजस्थान के करीब 1100 से 1200 मीसाबंदियों को 20 हजार रुपए पेंशन और 1200 रुपए चिकित्सा सेवा के रूप में दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कोटा में 125 मीसा बाबंदी के करीब अभी हैं, जिनमें बीजेपी के भी कई बड़े नाम हैं, किसान संघ से जुड़े हुए मोहनलाल नागर, शिव करण, सत्यनारायण चौरसिया, नंदलाल नागर सहित अन्य लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा. करीब 250 से 300 लोग ऐसे भी हैं जो मीसाबंदी के तौर पर धारा 151 में पाबंद किए गए वह भी इस योजना से लाभान्वित हों, उनकी भी प्रक्रिया विचाराधीन है.
ये भी पढे़ें: