टीकाराम जूली ने महात्मा गांधी और सावरकर पर दिया था बयान, अब BJP विधायक ने लिखा पत्र, जानें क्या कहा
Rajasthan Politics: नेता विपक्ष टीकराम जूली ने बीते दिनों महात्मा गांधी और सावरकर पर एक बयान दिया था. उनके इस बयान से सियासी पारा हाई हो गया है. इसी क्रम में बीजेपी विधायक ने एक पत्र जारी किया है.
Rajasthan News Today: राजस्थान की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 15 जुलाई के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सावरकर को लेकर एक बयान दिया था. उनके इस बयान के बाद सिविल लाइंस से बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने एक पत्र लिखा है.
बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने पत्र में कई बातों का जिक्र किया है. हालांकि, ये पत्र 17 जुलाई को ही उन्होंने लिखा था, लेकिन उसकी जानकारी अब दी गई है. जिसमें कई बड़ी बातें बताई गई है. गोपाल शर्मा के इस पत्र से सियासी पारा हाई हो गया है.
भाजपा विधायक ने लिखा पत्र...
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) July 31, 2024
भाजपा विधायक @DrGopal_Sharma ने नेता प्रतिपक्ष @TikaRamJullyINC को लिखा पत्र. महात्मा गांधी और सावरक के मुद्दे पर। pic.twitter.com/JqdoDoz1Yf
पत्र में बीजेपी विधायक ने क्या कहा?
बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने जो पत्र लिखा है, उसमें उन्होंने कहा है कि "राजस्थान विधानसभा में 15 जुलाई 2024 को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए टीकाराम जूली ने कहा था कि महात्मा गांधी को लगातार नीचे दिखाने की बात होती है. सावरकर के गांधी से मिलने की कोई बात हुई ही नहीं."
विधायक गोपाल शर्मा ने पत्र में लिखा, "वे लोग 1905 में कभी मिले थे. आपने यह भी कहा था गांधी जी की जीवनी और डायरी में कहीं इस बात का उल्लेख नहीं है और ना ही सावरकर की तरफ से इस प्रकार की कोई बात कही गई है."
गोपाल शर्मा ने लिखा, "मेरा निवेदन है किसी भी महापुरुष को नीचा दिखाने और तुलना करने से राष्ट्र का भला होने वाला नहीं है. ये सब उसे श्रेणी के महापुरुष हैं, जिनकी चरण रज के बराबर भी हम नहीं है."
उन्होंने आगे कहा, "मैं आपसे विनम्र शब्दों में निवेदन करना चाहता हूं और तथ्य पूर्ण सामग्री में ही संदर्भ लेने पर हम सत्य के करीब होते हैं. आप जानते होंगे महादेव भाई को महात्मा गांधी की डायरी लिखने के लिए अधिकृत माना जाता है."
सावरकर को लेकर गांधी ने क्या कहा?
महादेव भाई की डायरी महात्मा गांधी के साथ 25 साल (प्रकाशक सर्व सेवा संघ वाराणसी खंड 8) के पृष्ठ 134 के अनुसार, रत्नागिरी में 1 मार्च 1927 को सभा को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी ने कहा था कि सावरकर भाई को मैं अच्छी तरह से जानता हूं.
विलायत में मेरा उनसे गाढ़ा परिचय हुआ था और उनके साथ वार्तालाप हुआ था इसका निस्वार्थ त्याग उज्जवल है. इनकी मातृभूमि की सेवा बड़ी है. इनसे मिल जा सके तो अवश्य मिलें, क्योंकि इन्हें तो बाहर जाने की इजाजत नहीं है.
पत्र में किया भैरों सिंह शेखावत का जिक्र
इसी तरह से गोपाल शर्मा ने पत्र में आगे लिखा, "मैंने भैरों सिंह शेखावत का 27 वर्षों तक लगातार सानिध्य प्राप्त किया है. आपको इस कुर्सी पर बैठा हुआ देखकर वही तेजस्वी, वीरव्रती और राजस्थान को समर्पित भाव से देखने की कल्पना करते हुए आपसे उम्मीद करता हूं आप इन तथ्यों को गंभीरता से लेने की कृपा करेंगे."
गोपाल शर्मा ने कहा, "मैं पहली बार विधानसभा सदस्य बना हूं, आप जैसे विद्वान विधायकों के नेतृत्व में कुछ सीखना चाहता हूं. क्या आप मेरा मार्गदर्शन करेंगे."
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