Rajasthan BJP: सतीश पूनिया फिर बन सकते हैं राजस्थान बीजेपी चीफ? जानिए क्या हैं इसके मायने
Satish Poonia: नये साल के पहले ही दिन भाजपा के राज्य प्रभारी अरुण सिंह ने पूनियां के काम को बेहतर बताया था. अब शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने भी इनके नाम पर हरी झंडी दे दी.
Rajasthan BJP President Satish Poonia: राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने अपना तीन साल कार्यकाल पूरा कर लिया. इसके बाद से ही नये अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं जोरों पर थीं. कोई दूसरा अध्यक्ष आएगा या इन्हें ही रिपीटी किया जाएगा. लेकिन, इन कयासों पर अब विराम लग चुका है. डाॅ. सतीश पूनियां ही अध्यक्ष बने रहेंगे.
नये साल के पहले ही दिन भाजपा के राज्य प्रभारी अरुण सिंह ने पूनियां के काम को बेहतर बताया था. अब शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने भी इनके नाम पर हरी झंडी दे दी. यह सब एक आसान राजनीतिक घटनाक्रम है या इसके पीछे कोई और कहानी है. प्रदेश भाजपा में इसके क्या मायने निकाले जा रहे हैं. जिसकी चर्चा अब प्रदेश के अंदर होने लगी है. अभी 10 जनवरी तक राजस्थान में भाजपा की जन आक्रोश सभाएं चलती रहेंगी.
पिछले दिनों अरुण सिंह, अब तरुण ने लगा दी मुहर
राजस्थान भाजपा प्रभारी अरुण सिंह से जब एक जनवरी को पूछा गया था तो उनका कहना था कि प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि पूनिया के प्रदर्शन पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए. वह सराहनीय कार्य कर रहे हैं. इसलिए राज्य में संगठन का नेतृत्व करते रहेंगे, बाकी केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा. इस बयान के कई मायने निकाले गए.
वहीं, जब बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ शुक्रवार को भाजपा कार्यालय में थे तो उन्होंने भी हरी झंडी दे दी. उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी में चुनाव घोषित नहीं हो जाते, तब तक जो पदाधिकारी जहां है, वहीं काम करेगा. राजस्थान में भाजपा बहुत अच्छा काम कर रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में पूरी टीम आगे बढकर काम कर रही है. भाजपा में कैडर ऑर्गनाइजेशन को चलाता है. कांग्रेस में एक परिवार पार्टी को चलाता है. इसके बाद से अब सवाल नहीं, लेकिन चुनाव की चर्चा तेज हो गई है.
पूनियां ने ऐसे बनाई पकड़
सतीश पूनियां जब भाजपा के अध्यक्ष बने तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि संगठन के सभी नेताओं को साधना. उनके साथ मिलकर काम करना और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के खिलाफ पार्टी का पक्ष मजबूत करना. इसके पहले के पांच अध्यक्षों को छोड़कर कोई भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया था. ऐसे में सतीश पूनियां के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह भी थी. पूनियां ने धीरे-धीरे संगठन में तालमेल बैठाया और अपना तीन साल का कार्यकाल भी पूरा किया. पूनियां ने अपने तीन साल के कार्यकाल में कोई भी कंट्रोवर्सी नहीं होने दी.
केंद्रीय नेतृत्व से बेहतर दिखा तालमेल
सतीश पूनियां ने एक तरफ जहां भाजपा को बूथ स्तर तक मजबूत करने में मेहनत की. वहीं दूसरी तरफ पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भी बेहतर तालमेल बनाये रखा. कोरोना के समय पूनियां की तारीफ खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी. पूनियां के कार्यकाल में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के कई दौरे राजस्थान में हुए. इस दौरान वे सबसे आगे दिखे. अरुण सिंह ने कई बार रैलियों और सभाओं में पूनियां के काम की तारीफ की है. इसलिए इन तीन साल के कामकाज में इन घटनाओं का बड़ा योगदान माना जा रहा है.
तीन साल का कार्यालय पूरा करने वाले बीजेपी अध्यक्ष
1. कोटा के ललित किशोर चतुर्वेदी 14 दिसंबर 2003 से 7 फरवरी 2006 तक
2. जयपुर के रामदास अग्रवाल मार्च 1990 से 18 दिसम्बर 1997 तक
3. अरुण चतुर्वेदी 13 जुलाई 2009 से 2 फरवरी 2013 तक
4. अशोक परनामी 12 फरवरी 2014 से 16 अप्रैल 2018 तक
5. चूरू के हरीशंकर भाभड़ा 1981 से जनवरी 1986 तक
6. सतीश पूनियां 15 सितंबर 2019 से अब तक