Rajasthan Politics News:  राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पुनियां (Satish Poonia) का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया. अब अहम सवाल यह है कि चुनावी साल में क्या सतीश पूनियां अपने पद पर आगे भी बने रह पाएंगे? इस सवाल का आधिकारिक जवाब देना मुश्किल है, लेकिन राजस्थान बीजेपी के 42 साल में 14 लोग बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बने. इनमें से कुछ को छोड़कर किसी ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया. सतीश पूनियां समेत 6 अध्यक्ष ही ऐसे रहे, जिन्होंने तीन साल कार्यकाल पूरा किया. 


बीजेपी सूत्रों की मानें तो पूनियां को विधानसभा चुनाव तक रहने दिया जायेगा. गुजरात और यूपी में भी चुनाव से पहले संगठन के मुखिया को बदला नहीं गया था. उसी कड़ी में यहां भी कोई बदलाव नहीं होने की बात कही जा रही है. 


अभी तक ये लोग बन चुके हैं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष 
1980 से 1981 में जगदीश प्रसाद माथुर, हरिशंकर भाभड़ा 1981 से 1986, भंवरलाल शर्मा 1986 से 1988 तक, ललितकिशोर चतुर्वेदी 1986 से 1988, उसी साल भंवरलाल शर्मा प्रदेश अध्यक्ष बनाय गया. इसके बाद रामदास अग्रवाल, रघुवीर सिंह कौशल, गुलाबचंद कटारिया, भंवरलाल शर्मा, वसुंधरा राजे, ललितकिशोर चतुर्वेदी, महेशचंद शर्मा, ओमप्रकाश माथुर, अरुण चतुर्वेदी, वसुंधरा राजे, अशोक परनामीत्र और मदनलाल सैनी के निधन के बाद 2019 में सतीश पूनियां को अध्यक्ष बनाया गया, जो अभी तक पद पर बने हुए है.


संगठन पर है पूनियां की अच्छी पकड़
विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है. वर्तमान में 33 जिलों में से 19 में भाजपा के जिला प्रमुख है. वहीं, राजस्थान में 54 फीसदी ओबीसी आबादी है. ऐसे में कांग्रेस ने भी जाट पर दांव लगाया है. बीजेपी भी ओबीसी पर दांव लगा चुकी है. सतीश पूनियां आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता है. उनकी संगठन पर अच्छी पकड़ है. ऐसे में पूनिया के अध्यक्ष बने रहने की संभावना ज्यादा है. 


बतौर अध्यक्ष ये है पूनियां का बयान 
इस बारे में सतीश पूनिया ने का कहना है - 'मैं तो एक साधारण किसान के घर में पैदा हुआ और विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के मुख्य कार्यकर्ता की जिम्मेदारी मिली, तो यह मान-सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, तमाम कार्यकर्ताओं का और उन किसान परिवारों का भी सम्मान है, जो बीजेपे से किसी न किसी रूप में जुड़ें हैं.' मैं विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा के समय से ही संगठन से जुड़ा हूं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से हमें संस्कार मिले हैं. राष्ट्रवाद के लिए कार्य करने और देश के निर्माण में अपना योगदान देने की प्रेरणा मिली, इसलिए संगठन का संचालन करना मेरे लिए आसान रहा.  


52 में से 49 हजार बूथों पर बीजेपी सक्रिय 
इसके अलावा, सतीश पूनियां का कहना है कि अध्यक्ष का दायित्व चुनौतीपूर्ण है, पहले कोरोना का संकट, उससे जूझते हुए स्वयं भी जूझा, तीन मैं भी कोरोना सें संक्रमित हुआ. इसके बावजूद प्रदेश की जनता की बूथ और मंडल के करोड़ों कार्यकर्ताओं के माध्यम से सेवा की. संगठन को पूरे प्रदेश में खड़ा करना यह एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन आज मुझे संतोष है कि 52 हजार में से 49 हजार से अधिक बूथों पर पार्टी धरातल पर सक्रिय है. फोटोयुक्त बूथ समितियों का गठन पूर्ण हो चुका है. इससे भी आगे नीचे तक पन्ना इकाइयों के गठन की प्रक्रिया भी तीव्र गति से चल रही है.


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