Karauli Violence: करौली हिंसा के बाद बीजेपी ने पलायन का मुद्दा उठाया है. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने सरकार को पलायन का जिम्मेदार बताया है. कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे मीणा ने आरोप लगाया कि 195 लोग करौली हिंसा के दौरान पलायन कर चुके हैं और ज्यादातर दलित हैं. पिछले दिनों राजस्थान के करौली (Karauli) जिले में हिंदू नव वर्ष पर पथराव और आगजनी की घटना हुई थी. उपद्रवी तत्वों ने कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया था. 


कार्रवाई होने तक सांसद का धरना रहेगा जारी
राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा करौली में हिंसा के बाद मौके का जायजा लेने पहुंचे थे. उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि अगर दोषियों को बचाया जाएगा तो धरने पर बैठेंगे. अब राज्यसभा सांसद का कहना है कि जब तक शांति कायम नहीं हो जाती और दोषियों को सजा नहीं मिलती तब तक धरना जारी रहेगा. डॉक्टर मीणा का कहना है कि हिंसा की घटना के बाद करौली आए संभागीय आयुक्त ने रिपोर्ट दी थी कि पलायन नहीं हुआ है. इसके विपरीत सच्चाई है कि करौली से पलायन हुआ है. 195 लोगों की सूची डॉक्टर मीणा ने मीडिया के सामने सार्वजनिक की.


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पुलिस की प्रताड़ना से लोगों का हो रहा पलायन
सांसद ने मतलूब अहमद के परिवार पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने सरकार से मांग की कि हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाए. सरकार निर्दोषों को परेशान ना करे, उन्होंने पुलिस पर भी भय फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि पिछले कई दिनों से निर्दोष लोगों को पूछताछ के लिए थाने ले जाकर प्रताड़ित किया जा रहा है और प्रताड़ना की वजह से पलायन जारी है. उसके लिए जिम्मेदार सरकार और पुलिस दोनों ही हैं. उन्होंने बताया कि पलायन ढोलीखार इलाके में सबसे ज्यादा हुआ है. सरकार से मांग है जल्द इलाके में भय खत्म कर शांति स्थापित कर पलायन रोका जाए. 


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