(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
महाराणा प्रताप और अकबर पर डोटासरा ने दिया ऐसा बयान, निशाना साधते हुए बीजेपी ने कह दी ये बात
Rajasthan News: राजस्थान में अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. रीक पेपर लीक मामले के बाद बीजेपी को एक बयान ने कांग्रेस पर हमला करने का मौका दे दिया है.
राजस्थान विधानसभा का चुनाव 2023 में होने वाला है. मगर अभी से ही चुनावी माहौल बनाने के लिए बयानबाजी तेज हो गई है. यूं कहें कि इसकी तैयारियां अभी से ही शुरू हो चुकी हैं. रीट पेपर लीक मामले में घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर सियासी संग्राम छिड़ गया है. पूर्व शिक्षा मंत्री डोटासरा ने कहा था कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच संघर्ष सत्ता को लेकर हुआ था. विपक्ष डोटासरा के बयान पर हमलावर हो गया है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित कई बीजेपी नेताओं ने गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
तुष्टिकरण के कारण कांग्रेस एक कोने में समाई-कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा बुद्धिजीवी हैं. महाराणा प्रताप पर उन्होंने बयान दिया है. उनसे पूछना चाहता हूं कि महाराणा प्रताप ने कौन सी सत्ता प्राप्त करने के लिए युद्ध किया था. महाराणा प्रताप ने तो स्वाभिमान और स्वतंत्रता के लिए युद्ध किया था. लुटेरे यहां घूमने नहीं बल्कि राज करने के लिए आए थे. उसको मेवाड़ ने कभी स्वीकार नहीं किया. महाराणा प्रताप ने जंगल जंगल घूम कर सेना का संचालन करते हुए लुटेरों से संघर्ष किया और स्वाधीनता की लड़ाई लड़ते रहे. उन्होंने अकबर की सेना पर विजय प्राप्त की. डोटासरा पर तंज कसते हुए कटारिया ने कहा कि आपका बेड़ा गर्क इसलिए हुआ है क्योंकि महाराणा प्रताप को महान कहने में शर्म आती थी. तुष्टिकरण के कारण कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी एक कोने में समा गई है. अगर कांग्रेस को समाप्त करना चाहते हैं तो और कुछ टिप्पणी करें. लोगों को सोच का पता चल जाएगा.
'महाराणा प्रताप और अकबर के बीच युद्ध सत्ता के लिए था'
राजस्थान सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री डोटासरा ने महाराणा प्रताप पर बयान देकर बीजेपी को हमलावर होने का मौका दे दिया है. कांग्रेस के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में नागौर पहुंचे डोटासरा ने बीजेपी पर महाराणा प्रताप के नाम की आड़ में राजनीति करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच का संघर्ष केवल सत्ता के लिए था मगर बीजेपी और आरएसएस के लोग इसे राष्ट्र और धर्म से जोड़ देते हैं. बीजेपी वालों ने सिलेबस बदलवा दिया और विद्या भारती के स्कूलों में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच की लड़ाई को धार्मिक बता दिया. दोनों के बीच सत्ता का संघर्ष था लेकिन बीजेपी को हर चश्मे में हिंदू मुस्लिम ही दिखाई देता है.
राजस्थान की राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सत्ता संघर्ष में कई मुद्दे होते हैं लेकिन महाराणा प्रताप और अकबर में महानता की बयानबाजी हमेशा होती आई है. बीजेपी महाराणा प्रताप को महान बताती है. कांग्रेस के नेता अकबर को महान बताते हैं. दोनों के बीच महानता की तुलना करने की होड़ यहीं पर नहीं थमती. इस मुद्दे पर बच्चों के सिलेबस भी बदल दिए जाते हैं.
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