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Exclusive: 'बाहरियों पर भारी पड़ी...', राजस्थान में 11 सीटों पर हुई हार पर BJP की समीक्षा बैठक की इनसाइड स्टोरी
Rajasthan BJP: विधानसभा चुनाव के छह महीनों के भीतर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को झटका लगा. इसके बाद से पार्टी इसके कारणों की तलाश में है. पार्टी ने दो दिनों तक समीक्षा बैठक की है.
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Rajasthan BJP Meeting: राजस्थान में लोकसभा चुनाव में 11 सीटों पर मिली हार के बाद पार्टी ने दो दिनों तक बंद कमरों में समीक्षा बैठक की. इसमें उन लोगों को बुलाया गया था जो चुनाव हार गए. उनके साथ जिला के प्रभारी, विधानसभा में प्रत्याशी रहे लोगों और लोकसभा सीट प्रभारी इस बैठक में मौजूद रहे.
चर्चा के दौरान नेताओं ने पाया कि संगठन में अभी बिखराव की स्थिति बनी हुई है. जमीन पर जिस तरह से बाहर से आये हुए नेताओं को लेकर बीजेपी में आक्रोश है उसका असर चुनाव में दिख रहा है. माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से ही बीजेपी में 'भितरघात' की स्थिति बनी हुई है.
तभी से संगठन में बदलाव की मांग उठ रही थी लेकिन पार्टी ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया. बल्कि, बाहर से आये नेताओं को टिकट दिए गए और उन्हें पार्टी में पदाधिकरी भी बनाया गया. इसकी नाराजगी पार्टी के पुरानी सिपाहियों में देखी गई है. सूत्रों का कहना है कि अभी संगठन में वर्तमान हालात ऐसे हैं कि आम कार्यकर्ता में जोश और उत्साह नहीं बन पा रहा है.
'दो दिनों में बनी रिपोर्ट'
दिल्ली के आदेश पर जयपुर पहुंचे लोकसभा चुनाव प्रभारी विनय सहस्त्र बुद्धे और सहप्रभारी विजया रहाटकर ने यहां पर दो दिन में हारी हुई 11 लोकसभा सीटों की समीक्षा की है. जिसमें पहले दिन 7 और दूसरे दी 4 सीटों का आकलन किया गया. रोचक बात यह है कि इस बैठक में जो बातें सामने आई हैं वो यहां का हर कार्यकर्ता कह रहा है. इस बैठक में भितरघात, बाहरी नेताओं को संगठन में मिली जिम्मेदारी और उनके मन के अधिकारी फिल्ड में नहीं है. इन मुद्दों की रिपोर्ट बनाई गई है.
'बाहरी और भितरघात पर कोई एक्शन नहीं'
विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर भितरघात की बात सामने आई थी. फिर भी पार्टी ने उनपर एक्शन नहीं लिया. कई सीटों पर पार्टी ने खुद रिपोर्ट बनाई थी लेकिन उनपर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उसके बाद लोकसभा चुनाव में भी नजरअंदाज किया गया. संगठन में कोई एक रूपता नहीं आ पाई. अब सुगबुगाहट अध्यक्ष के बदले जाने की तेज हो गई है. इसलिए यहां पर संगठन में अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग बातें चल रही है.
उनका कहना है कि बीजेपी के कई पुराने नेता पार्टी को खुलकर नुकसान पहुंचा रहे हैं. फिर, भी उनपर कोई एक्शन नहीं हो पाया है. कांग्रेस और अन्य दलों से आए नेताओं को बीजेपी ने टिकट दिया लेकिन उन्हें संगठन में भी जगह दी गई. जिसका नतीजा यहां पर पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है.
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