Rajasthan News: राजस्थान में पिछले चार साल में कांग्रेस राज में हुए नौ सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को मात्र एक सीट पर जीत मिली है. इसमें रोचक बात यह है कि इनमें से चार जाट बाहुल्य सीटें हैं, जहां पर हनुमान बेनीवाल ने अपनी ताकत दिखा दी है. हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी तीसरे नंबर रही है. एक सीट पर तो बड़े वोटों के अंतर से जीत मिली है.
ऐसे में जानकारों की माने तो जाटों को साधने में बीजेपी कमजोर दिख रही है, जबकि बीजेपी ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाकर बड़ा दांव खेला है. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद भी शेखावटी में बीजेपी कमजोर हुई है. वहीं चूरू में हुए उपचुनाव में बीजेपी हार गई.
ये हैं जाट बाहुल्य सीटें
कांग्रेस सरकार में नौ सीटों पर उपचुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस ने सात, बीजेपी ने एक और एक पर आरएलपी ने जीत दर्ज की. बड़ी बात यह है कि खींवसर, मंडावा, सुजानगढ़ और सरदारशहर जाट बाहुल्य सीटें हैं. इन सीटों में से एक पर भी बीजेपी को जीत नहीं मिली है. इसके पीछे हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी को बड़ा कारण माना जा रहा है. जाट वोट को आरएलपी ने मजबूत से अपनी तरफ किया है.
ये रहा है परिणाम
खींवसर में वर्ष 2019 में उपचुनाव हुआ था. जिसमें हनुमान बेनीवाल की पार्टी के नारायण बेनीवाल 4630 मतों से जीत गए थे. यहां कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. मंडावा में वर्ष 2019 के उपचुनाव में कांग्रेस की रीटा चौधरी ने 33,704 वोट से जीत दर्ज की थी, और बीजेपी दूसरे नबंर पर रही थी. वर्ष 2021 में सुजानगढ़ के उपचुनाव में कांग्रेस के मनोज कुमार ने 35,611 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी. यहां हनुमान बेनीवाल की पार्टी तीसरे नंबर रही थी. जिसे 32,210 वोट मिले थे.
यहां बीजेपी दूसरे नंबर रही थी. उसे कुल 43,642 वोट मिले थे. अब सरदारशहर में कांग्रेस के अनिल शर्मा ने 26852 मतों से जीत दर्ज की है. 64219 मतों के साथ दूसरे स्थान पर बीजेपी और आरएलपी के लालचंद मूंड 46628 वोट के सााथ तीसरे नंबर रहे. यहां पर बीजेपी की हार के पीछे बड़ी वजह आरएलपी को माना जा रहा है.
वोट प्रतिशत भी है कांग्रेस का बढ़ा
इतना ही नहीं कांग्रेस के वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी भी हुई है. खींवसर में 11.4 प्रतिशत, मंडावा में 12.75 प्रतिशत, सुजानगढ़ 3.4 प्रतिशत और सरदारशहर ने भी लाभ मिला है. कांग्रेस ने जहां इन सीटों पर जीत दर्ज की है वहीं उसका वोट प्रतिशत भी बढ़ा है. बीजेपी के लिए इन सीटों पर स्थिति अनुकूल नहीं बन पाई है.