Rajasthan Budget 2022: सीएम अशोक गहलोत ने मनरेगा में 100 दिन के रोजगार को 125 दिन करने का किया ऐलान
Rajasthan Budget: सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने मनरेगा में 100 दिन के रोजगार को 125 दिन करने की घोषणा की गई है. इसमें 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसका खर्च राज्य सरकार उठाएगी.
Rajasthan Budget 2022 MGNREGA: राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शहरों में रोजगार के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करने की घोषणा की है. अगले साल से शहरी क्षेत्रों में मनरेगा की तर्ज पर मांगे जाने वाले काम पर 100 दिन का रोजगार मिलेगा. इस पर 800 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके साथ ही मनरेगा (MGNREGA) में 100 दिन के रोजगार को 125 दिन करने की घोषणा की गई है. इसमें 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसका खर्च राज्य सरकार उठाएगी.
मिलता है 100 दिनों का रोजगार
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (एनआरईजीए 42, बाद में इसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, एमजीएनआरईजीए के नाम से बदल दिया गया). ये एक भारतीय श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा उपाय है जिसका उद्देश्य 'कार्य करने का अधिकार' है. इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार प्रदान करना है.
विश्व बैंक ने की तारीफ
अधिनियम पहली बार पी वी नरसिम्हा राव की सरकार की तरफ से 1991 में प्रस्तावित किया गया था. 2006 में इसे संसद स्वीकार किया गया और भारत के 625 जिलों में कार्यान्वित किया गया. इस पायलट अनुभव के आधार पर, एनआरईजीए को एक अप्रैल, 2008 से भारत के सभी जिलों में शामिल करने के लिए तैयार किया गया था. इस कानून को सरकार द्वारा ''दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक कार्य कार्यक्रम'' कहा जाता है. विकास रिपोर्ट 2014 में विश्व बैंक ने इसे ''ग्रामीण विकास का तारकीय उदाहरण'' कहा था.
आजीविका सुरक्षा बढ़ाना है मकसद
मनरेगा को ''एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था.''
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