Rajasthan Budget 2022 Old Pension Scheme: राजस्थान (Rajasthan) विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बजट (Budget) पेश करते हुए बड़ी घोषणा की है. सीएम अशोक गहलोत ने कर्मचारियों की वेतन कटौती का 2017 का फैसला वापस लिया है. इससे सरकार पर 1000 करोड़ का भार आएगा. इसके अलावा प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू होगी, 1 जनवरी 2004 के बाद की नियुक्तियों को भी इसका लाभ मिलेगा.
सीएम गहलोत ने किया बड़ा ऐलान
सीएम गहलोत ने कहा कि, ''हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं. अतः 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं.
नई और पुरानी पेंशन स्कीम का समझें अंतर
पुरानी पेंशन स्कीम
- जीपीएफ की सुविधा.
- पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं.
- रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50 फीसद गारंटी.
- पूरी पेंशन सरकार देती है.
- रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (अंतिम वेतन के अनुसार) में 16.5 माह का वेतन.
- सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रच्युटी की सुविधा जो सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी.
- सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन एवं नौकरी.
- हर छह माह बाद महंगाई भत्ता, जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा.
- जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं.
- रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति.
नई पेंशन स्कीम
- जीपीएफ की सुविधा नहीं है.
- वेतन से प्रतिमाह 10 फीसद कटौती.
- निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं. यह पूरी तरह शेयर बाजार व बीमा कंपनियों पर निर्भर होगी.
- नई पेंशन बीमा कंपनी देगी. यदि कोई समस्या आती है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा.
- रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद, मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं होगी.
- पारिवारिक पेंशन खत्म
- लोन की कोई सुविधा नहीं (विशेष परिस्थितियों में जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार रिफंडेबल लिया जा सकता है)
- रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 फीसद राशि वापस मिलेगी, उस पर आयकर लगेगा.
- नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर पर आधारित, जो जोखिम पूर्ण है.
- महंगाई व वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा.
स्वास्थ्य सोवाओं का रखा गया ध्यान
बजट में स्वास्थ्य सोवाओं का भी ध्यान रखा गया है. आने वाले साल में 18 जिलों में नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे, 7 जिलों में नर्सिंग कॉलेज का काम चल रहा है, अस्पतालों में सुविधा विस्तार के लिए 100 करोड़ का प्रावधान, कोटा-बीकानेर में मेडिकल कॉलेज में पीजी छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा, 4 जिलों में इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइंस खोले जाएंगे. इसी के साथ ही चिरंजीवी योजना (Chiranjeevi Yojana) के तहत होने वाली बीमारियों का दायरा बढ़ाते हुए आम जनता के लिए राहत प्रदान करते हुए 5 लाख रुपए से बढ़ाकर ₹10 लाख करने की घोषणा की है.
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