Rajasthan के बजट में चुनावी निशाना, कुर्सी जिताने वाले इस इलाके के लिए सीएम गहलोत ने खोला पिटारा
Rajasthan Budget: राजस्थान के बजट को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. इसमें बीजेपी के राजसमन्द को छोड़कर उदयपुर संभाग के सभी जिलों में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट दिया गया है.
Rajasthan Budget 2022: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बुधवार को पेश किए. उन्होंने इस बजट से मेवाड़ (Mewar) की 28 विधानसभा सीटों के लिए घोषणाओं का पिटारा खोलकर निशाना साधा है. पर्यटन, चिकित्सा, उद्योग से लेकर हर तरह की घोषणाएं की है. साल 2018 को छोड़कर चुनावी रणनीति कहती है कि चुनाव में जिस पार्टी ने मेवाड़ में जीत हासिल की, सरकार उसी की बनी है. इसी कारण सीएम गहलोत ने इस इलाके के लिए घोषणाओं का खजाना खोला है.
बीजेपी के राजसमन्द को भूले सीएम
राजसमन्द में लगातार बीजेपी ही चुनाव जीतती आ रही है. इस घोषणा में सबसे कम बजट इसी जिले को मिला है. संभाग के सभी जिलों को 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट मिला लेकिन राजसमन्द को सवा सौ करोड़ के करीब मिला है. वहीं बता दें कि प्रतापगढ़ में कांग्रेस विधायक हैं, जहां संभाग में सबसे ज्यादा 3707 करोड़ रुपए की घोषणाएं हुईं.
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इस क्षेत्र में यह हुई घोषणा
चिकित्सा- बजट घोषणा में जिले को एक और सीएमएचओ दिया गया है. इससे स्वास्थ्य क्षेत्र और मजबूत होगा. वहीं मॉनिटरिंग बढ़ने से दूर दराज और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी. सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि उदयपुर जिला भौगोलिक और जनसंख्या की दृष्टि से काफी बड़ा है. जयपुर की तर्ज पर जिले को दो भागों में बांटा जाएगा. इसके बाद आदिवासियों तक चिकित्सा आसानी से मुहैया होगी.
पर्यटन- पर्यटन इंडस्ट्री की सौगात से लेकसिटी में पर्यटन को पंख लगने की उम्मीदें हैं. काफी लंबे समय की मांग के बाद अब जाकर बजट में इंडस्ट्री का दर्जा मिला है. वहीं पर्यटन का बजट बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपए तक कर दिया है. इसमें 400 करोड़ रुपए मार्केटिंग, बॉडिंग पर और 600 करोड़ पर्यटन स्थल और टूरिस्ट सर्किट को डेवलप करने पर खर्च होंगे. होटल, रिसोर्ट के लिए भूमि का मूल्यांकन वाणिज्यिक की जगह कृषि दरों पर किया जाएगा.
यूआईटी अब प्राधिकरण: 14 साल से उठ रही उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) की मांग को सरकार ने पूरा किया. इससे पहले नगर परिषद को नगर निगम बनाने की सौगात भी गहलोत सरकार ने ही दी थी. प्राधिकरण के अस्तित्व में आते ही 1 करोड़ रुपए से ज्यादा के कामों की अनुमति के लिए अफसरों को जयपुर का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा. प्राधिकरण बनने के बाद शहर से सटे कई इलाके जद में आएंगे और उनमें भी तेजी से विकास होगा सुविधाएं बढ़ेगी. यूआईटी का मौजूदा सालाना बजट 250-300 करोड़ रहता है, जो प्राधिकरण बनने के बाद 800-1000 करोड़ तक पहुंचेगा.
दूध से 15 हजार किसानों को फायदा
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में अब 5 रुपए प्रति लीटर अनुदान मिलेगा. अब तक यह राशि 2 रुपए थी. उदयपुर डेयरी संघ से 15 हजार किसान जुड़े हैं और संघ में रोजाना 1 लाख लीटर दूध आता है. यानी इन किसानों को अब तक 2 लाख का अनुदान मिलता था. अब 5 लाख मिलेंगे.
इंडस्ट्री- सीएम गहलोत ने उदयपुर में 3 औद्योगिक क्षेत्रों की घोषणा की है, लेकिन मावली के आमली में 52.13 हैक्टेयर जमीन रीको को पिछले साल 17 दिसंबर को आवंटित हो चुकी है. वल्लभनगर और नांदेशमा (गोगुंदा) में नए औद्योगिक क्षेत्र से उद्योग को रफ्तार मिलेगी. भूमि चिह्नित करने की प्रक्रिया 2 महीने पहले शुरू हो चुकी है. अब 13 इंडस्ट्रियल एरिया हो जाएंगे. मिनरल, स्टोन और फूड प्रोसेसिंग से संबंधित इकाइयों के आने की संभावना.
यह भी बड़ी घोषणाएं
सरकार द्वारा बजट में की गई अन्य घोषणाओं में 525 करोड़ रुपए में फोरलेन और एलिवेटेड रोड बनेंगे, एक साइबर पुलिस स्टेशन वहीं 2 करोड़ की लागत से राजीव गांधी नॉलेज हब बनेगा. सरकार ने कहा है कि पांच करोड़ की लागत से बॉटनिकल गार्डन बनाएंगे और खेलगांव में 15 करोड़ की लागत से सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बनेगा. गिर्वा में खेल स्टेडियम, दिल्ली के उदयपुर हाउस में 300 करोड़ से 250 कमरों का नेहरू यूथ ट्रांजिट हॉस्पिटल एंड फेसिलिटेशन सेंटर भी बनेगा.
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