Rajasthan Budget 2022: राज्य सरकार (Rajasthan Government) की वित्तीय वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अंतर्गत पर्यटन व हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पूर्ण मान्यता प्रदान की गई है. इस संबंध में पर्यटन विभाग से जारी आदेश के तहत पर्यटन इकाइयों को अब एंटाइटल प्रमाण पत्र लेना होगा.


जिसके आधार पर पर्यटन इकाइयां राज्य सरकार के संबंधित विभाग या उपक्रम से औद्योगिक टैरिफ व लेबीज के लाभ के लिए पात्र होंगे. यह प्रमाण पत्र स्थानीय पर्यटक स्वागत केंद्र द्वारा जारी किए जाएंगे.


ये इकाइयां शामिल होगी


पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र के रूप में मान्यता प्रदान की गई है इस वजह से अब पर्यटन इकाइयों के उद्यम क्षेत्र के मुताबिक प्रावधान लागू होंगे. इनमें होटल और मोटल हेरिटेज होटल, बजट होटल, रेस्टोरेंट, कैफिटेरिया, रिसोर्ट, स्पोर्ट्स रिसोर्ट, हेल्थ रिसॉर्ट, स्पा, कैंपिंग साइट, अम्यूज़मेंट पार्क, एनिमल सफारी पार्क शामिल है.


एमसीआईसीआई कन्वेंशन सेंटर, म्यूजियम, रोपवे, टयूरिस्ट लग्जरी कोच, कैरावन, क्रूज टूरिज्म, राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना व मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में लाभ लेने वाली पर्यटन इकाइयां, राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड और राजस्थान राज्य होटल निगम के अधिकार क्षेत्र की पर्यटन इकाइयां, केंद्र और राज्य सरकार के अधीन संचालित सभी राजकीय संग्रहालय शामिल है.


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एप पर करना होगा ऑनलाइन आवेदन


उपनिदेशक ने बताया कि पर्यटन इकाइयों को औद्योगिक लाभ के लिए एंटाइटलमेंट प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार के एसएसओ पोर्टल पर टूरिज्म डिपार्टमेंट सर्विसेज पर एप ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदनों के पर्यवेक्षण के लिए पर्यटन स्वागत केंद्र को अधिकृत किया गया है. इन आवेदनों का निस्तारण 30 दिन में किया जाएगा. एंटाइटलमेंट प्रमाण पत्र के आधार पर पर्यटन इकाइयों राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में औद्योगिक टैरिफ और लेबीज के लाभ प्राप्त करने पात्र होंगी.


यह मिलेंगे लाभ


अभी होटल रिसोर्ट को मिलने वाले बिल की यूनिट रेट 7.45 रुपए है. इंडस्ट्री टेरिफ लागू होने के बाद होटल रिसॉर्ट की यूनिट रेट कम होकर 6.45 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी. प्रति किलोवाट के हिसाब से लगने वाला फिक्स चार्ज भी 40% तक घटेगा. इंडस्ट्री में 10 किलोवाट पर 500 यूनिट आने पर 80 रुपए प्रति एचपी फिक्स चार्ज देना होगा. मीटर किराया और अन्य स्थायी शुल्क कम लगेंगे. हालांकि, इंडी, अरबन सेस, वाटर सेट आदि पहले की तरह लागू रहेंगे.


इससे छोटे होटल, जो हर माह 5000 यूनिट तक बिजली खपत करते हैं, उनका बिल 5 से 10 हजार रुपए कम हो जाएगा. जबकि बड़े होटल, जो सीजन में हर माह 25 से 50 हजार यूनिट खर्च करते हैं, उन्हें 50 हजार से 1 लाख तक का फायदा मिलेगा.


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