Rajasthan Budget 2023: राजस्थान सरकार आज अपना बजट पेश करेगी. वहीं बजट पेश होने के बाद इस चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlo) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसकी वजह नए जिलों के गठन को लेकर उठ रही आवाज हो सकती है. दरअसल, प्रदेश के कई विधायक अपने-अपने क्षेत्र में नए जिले बनाने की मांग कर रहे हैं. हर बार सरकार कमेटी का गठन करके मामले को टाल देती है. इस बार गहलोत सरकार पर विधायकों का काफी दबाव है. वहीं पिछले बजट के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की मांग को देखते हुए सेवानिवृत आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था. ये कमेटी जिला बनाने के प्रस्तावों पर विचार विमर्श करके सरकार को रिपोर्ट सौंपती. 


वहीं बीते एक साल में इस कमेटी के पास 60 प्रस्ताव पहुंचे. नए जिलों के मापदंड के आधार पर इस कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. अब 10 फरवरी यानी आज सरकार की ओर से पेश होने वाले बजट में नए जिलों के गठन की घोषणा पर विशेष नजर रहेगी. नए जिलों के गठन के लिए बनाई गई कमेटी को कई विधायकों ने अपने-अपने इलाकों में नए जिलों के गठन के मांग पत्र सौंपे. बीते एक साल में सरकार की ओर से गठित कमेटी को 60 प्रस्ताव मिले जिनमें नए जिले बनाने की मांग की गई. इनमें से अधिकतर जिलों की मांग सत्ता पक्ष के विधायकों ने की है. यह तो तय है कि 60 नए जिले नहीं बनाए जा सकते. वहीं पिछले कुछ दिनों से चर्चाएं चल रही कि प्रदेश में 6 नए जिलों का ऐलान हो सकता है, लेकिन सच्चाई क्या है. इसका पता शुक्रवार 10 फरवरी को चलेगा.


2008 में बना था आखिरी जिला
राजस्थान में फिलहाल, 33 जिले हैं. 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ प्रदेश का अंतिम जिला बना था जोकि उदयपुर संभाग में है. प्रदेश के कई अन्य जिलों के विभिन्न शहरों में भी नया जिला बनाए जाने की मांग विधायकों की ओर से उठाई गई है. नए जिलों के गठन की मांग को लेकर पिछले दो साल में काफी बयानबाजी हुई. सत्ता पक्ष के विधायक मदन प्रजापत पिछले एक साल से नंगे पैर चल रहे हैं. बालोतरा को जिला बनाने की मांग करते हुए मदन प्रजापत ने प्रण लिया है कि जब तक बालोतरा को जिला नहीं बनाया जाएगा तब तक वे पैर में जूते चप्पल नहीं पहनेंगे. मंत्री राजेन्द्र यादव भी पिछले दिनों धमकी दे चुके हैं कि अगर कोटपूतली को जिला नहीं बनाया तो वे विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे.



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